याचिका में लगाया गया भाई-भतीजावाद का आरोप
जबलपुर। रीवा जिले के सात ग्राम पंचायत में हुई नियुक्तियों को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि नियुक्तियों में जमकर भाई-भतीजावाद हुआ है। सरपंच-सचिव ने नियमों को ताक में रखकर मनमाने पद सृजित कर संबंधियों को उपकृत किया है। हाईकोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
रीवा निवासी याचिकाकर्ता कृषक धीरेन्द्र सिंह की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि मनमाने पदों का सृजन कर उक्त पदों पर जिन्हें नियुक्ति दी गई है, वे महज वेतन ले रहे हैं। जनपद पंचायत जवा से मिलीभगत कर गलत तरीके से नियुक्ति दी गई है। वर्तमान में डाभौरा नगर परिषद अस्तित्व में आई है । नगर परिषद डभौरा के द्वारा केवल फरवरी व मार्च, 2023 में शासन के 90 लाख रुपये बैंक से निकले गए और उक्त कर्मचारियों के खाते में ट्रांसफर किए गए। ये समस्त कर्मचारी सरपंच एवं सचिव के सगे-संबंधी हैं।
याचिका में राज्य सरकार, नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव, कलेक्टर रीवा के अलावा डाभौरा, कोटा, पनवार, गेदुरहा, मगडौर, अकोरिया, लटियार के पंचायत सचिव एवम सरपंच को अनावेदक बनाया गया था। युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई के बाद अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।