उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारियों के क्रम में श्रावण माह के पहले दिन ही सोमवार 22 जुलाई को सवारी नगर भ्रमण पर अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये परम्परागत मार्ग से निकाली जावेगी।
भगवान श्री महाकालेश्वर की प्रथम सवारी ठाठ-बाट से परम्परागत मार्ग से निकाली जायेगी। पालकी में भगवान मनमहेश के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने के लिये नगर भ्रमण पर निकलेंगे। भगवान श्री महाकालेश्वर के श्री मनमहेश स्वरूप का विधिवत पूजन-अर्चन महाकाल मन्दिर के सभा मंडप में होने के पश्चात भगवान श्री मनमहेश पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। भगवान की सवारी मन्दिर से अपने परंपरागत निर्धारित समय शाम 4 बजे निकलेगी।
मन्दिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में विराजमान भगवान श्री मनमहेश को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी जायेगी। भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी मन्दिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां शिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जायेगा। इसके बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्वर मन्दिर पहुंचेगी। भगवान श्री महाकाल की पहली सवारी 22 जुलाई को निकाली जाएगी। जिसमें जल संसाधन मंत्री मध्यप्रदेश शासन तुलसीराम सिलावट भी सम्मिलित होंगे। मंत्री सिलावट दोपहर 2.30 बजे उज्जैन पहुंचेंगे और श्री महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन तथा पालकी का पूजन करेंगे। मंत्री सिलावट द्वारा रामघाट पर भी पालकी पूजन किया जाएगा। इसके बाद मंत्री सिलावट भोपाल के लिए प्रस्थान करेंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशानुरूप श्रावण-भादौ माह में निकलने वाली बाबा महाकाल की सवारियों में कैबिनेट मंत्रीगण शामिल होंगे।