‘मध्यप्रदेश क्लाउड पॉलिसी 202’ का अनुमोदन

भोपाल, 18 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की अध्यक्षता में मंत्रि-परिषद की बैठक आज यहां मंत्रालय में संपन्न हुयी जिसमें मंत्रि-परिषद द्वारा विभागों को सुविधाजनक तरीके से क्लाउड सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए ‘मध्यप्रदेश क्लाउड पॉलिसी-2024’का अनुमोदन किया।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार इस निर्णय से मप्र राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) के माध्यम से केंद्रीयकृत रूप से विभागों को क्लाउड सेवाएं उपलब्ध कराई जायेंगी एवं क्लाउड सेवाओं के भुगतान के लिए विज्ञान और प्रौ‌द्योगिकी विभाग को बजट उपलब्ध कराया जाएगा। एमपीएसईडीसी से विभागों को क्लाउड सेवाएं प्रदाय करने से विभागों के द्वारा सीधे सेवाएं क्रय करने, डेटा सेंटर स्थापित करने और स्वयं क्लाउड सेवाओं को प्राप्त करने में होने वाले व्यय में बचत होगी। पूरे राज्य में एक केन्द्रीकृत संस्था (एमपीएसईडीसी) के द्वारा ये व्यवस्था करने से इकॉनॉमी ऑफ स्केल के कारण कुल व्यय में बचत होगी और क्लाउड सेवाओं का बेहतर प्रबंधन होगा।

क्लाउड एडॉप्शन फ्रेमवर्क की प्रक्रियाओं के सुचारु संचालन के लिए विज्ञान एवं प्रौ‌द्योगिकी विभाग के मप्र राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) में क्लाउड मानिटरिंग यूनिट (सीएमयू) की स्थापना की जायेगी। क्लाउड एडॉप्शन फ्रेमवर्क के सुचारु क्रियान्वयन के लिए क्लाउड मानिटरिंग यूनिट (सीएमयू) तैयार की जाने के लिए मानव संसाधन सेवाएं प्राप्त की जायेगीं। एमपीएसईडीसी अंतर्गत सीएमयू में क्लाउड प्रबंधक का एक और क्लाउड टेक्नीकल एक्सपर्ट के दो पदों का सृजन किया जायेगा। क्लाउड एडॉप्शन फ्रेमवर्क की सीएमयू के लिए मानव संसाधन सेवाओं की पूर्ति अथवा अन्य सेवाशर्तें एवं अनुबंध आदि के लिए विज्ञान एवं प्रौ‌द्योगिकी विभाग के अंतर्गत एमपीएसईडीसी को अधिकृत किया गया हैं।

मंत्रि-परिषद द्वारा स्मार्ट-पीडीएस राज्य में लागू करने के क्रियान्वयन की स्वीकृति दी गई। इसके अतंर्गत लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत 8.35 करोड़ रूपये 3 वर्ष में व्यय किये जायेंगे। इससे सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के क्रियान्वयन, विस्तार एवं संधारण, डेटाबेस में भिन्नता, डेटा रिकवरी एवं साइबर सुरक्षा संबंधी कठिनाइयों का निराकरण होगा। केन्द्र सरकार द्वारा वन नेशन-वन राशनकार्ड से पात्र परिवारों को देश की किसी भी उचित मूल्य दुकान से राशन प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

मंत्रि-परिषद द्वारा अनुसूचित जाति, अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़े वर्गों तथा निःशक्तजनों के बैकलॉग/कैरीफारवर्ड पदों की पूर्ति के लिए विशेष भर्ती अभियान की समय-सीमा में 01 जुलाई 2024 से 30 जून, 2025 तक एक वर्ष की वृद्धि की गई। बैकलॉग के 17 हजार पद में से 7 हजार पद भरे जा चुकें हैं। अभी 10 हजार पद शेष हैं जो भरे जाएंगे।

मंत्रि-परिषद द्वारा अमृत धरोहर योजना अतंर्गत इंदौर स्थित सिरपुर वेटलैंड, रामसर साईट के संरक्षण एवं प्रबंधन के लिए लागत राशि 61 करोड़ 95 लाख 70 हजार रूपये की 40 प्रतिशत राशि राष्ट्रीय जलीय स्त्रोत संरक्षण कार्यक्रम (एन.पी.सी.ए.) अंतर्गत राज्य शासन द्वारा वहन करने ‘संबंधी सहमति के साथ प्रस्ताव केन्द्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को प्रेषित किये जाने का निर्णय लिया गया हैं।

मंत्रि-परिषद ने शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों को सातवें वेतनमान में देय मंहगाई भत्ता / राहत की दर में 01 जुलाई, 2023 (भुगतान माह अगस्त, 2023) से सातवें वेतनमान में 4 प्रतिशत की वृद्धि की जाकर 46 प्रतिशत करने एवं राज्य शासन के छठवें वेतनमान में कार्यरत शासकीय सेवकों तथा राज्य शासन के उपक्रमों/ निगमों/ मण्डलों तथा अनुदान प्राप्त संस्थाओं के राज्य शासन में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत चौथे एवं पांचवें वेतनमान में अनुपातिक आधार पर मंहगाई भत्ते में वृद्धि का आदेश तथा राज्य के पेंशनरों को देय मंहगाई राहत में वृद्धि के लिए मुख्यमंत्री के आदेश का अनुसमर्थन किया।

मंत्रि-परिषद द्वारा वर्ष 2023-24 की खरीफ 2023 सीजन में वितरित अल्पकालीन फसल ऋण की ड्यू डेट बढ़ाने का अनुमोदन किया गया है। निर्णय अनुसार खरीफ 2023 सीजन के लिए निर्धारित ड्यू डेट 28 मार्च, 2024 को बढाकर 30 अप्रैल, 2024 किया गया था। साथ ही समर्थन मूल्य पर विभिन्न फसलों का विक्रय 30 अप्रैल, 2024 तक करने वाले ऐसे किसान जिन्हें उनके उपज विक्रय राशि का भुगतान प्राप्त नहीं हुआ तथा उपार्जन की अंतिम तिथि तक फसलों का विक्रय करने वाले शेष किसानों के लिए खरीफ 2023 सीजन की निर्धारित डयू डेट 30 अप्रैल, 2024 से बढाकर 31 मई, 2024 का अनुमोदन किया गया।

मंत्रिपरिषद द्वारा भारत सरकार द्वारा अधिसूचित “निजी सुरक्षा अभिकरण (रोकड़ परिवहन कार्यकलापों के लिए निजी सुरक्षा) नियम, 2018 के अनुक्रम में तैयार किए गए “मध्यप्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (रोकड़ परिवहन कार्यकलापों के लिए निजी सुरक्षा) नियम, 2024 के प्रारूप को अधिसूचित करने का निर्णय लिया गया है। निजी सुरक्षा एजेंसियों को नगद हैंडलिंग और परिवहन के लिए सुरक्षा प्रदान हो सकेंगी।

मंत्रिपरिषद द्वारा मध्य प्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (विनियमन) नियम, 2012 अधिक्रमित करते हुए भारत सरकार गृह मंत्रालय द्वारा अधिसूचित मॉडल नियमों के समरूप में “मध्यप्रदेश निजी सुरक्षा अभिकरण (विनियमन) नियम, 2024 को अधिसूचित किये जाने का निर्णय लिया गया है। निजी सुरक्षा उद्योग के सामने आने वाले मुद्दों का समाधान करने और ईज ऑफ डूईंग बिजनेस, डिजिटल इंडिया और ईं-गवर्नेंस प्रमुख दृष्टिकोणों में तालमेल बिठाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया हैं।

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