ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण की नियुक्तियों की अर्हताओं में किया गया संशोधन

हाईकोर्ट ने राज्य शासन सहित अन्य से मांगा जवाब

जबलपुर: मप्र हाईकोर्ट में प्रदेश ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण में मुख्य महाप्रबंधक व महाप्रबंधक की प्रतिनियुक्ति संबंधी अर्हताओं में संशोधन को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी। याचिका की सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक जैन की एकलपीठ ने राज्य शासन, पंचायत विभाग सहित अन्य को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

याचिकाकर्ता अशोक पाटीदार सहित 18 की ओर से दायर किया गया है। जिसमें कहा गया है कि मप्र ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण की 61 वीं बैठक 13 मार्च 2024 को आयोजित हुई थी। इसमें शामिल एजेंडा बिंदु क्रमांक-61.7 चुनौती के योग्य है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके जरिये मप्र ग्रामीण सडक़ विकास प्राधिकरण में मुख्य महाप्रबंधक व महाप्रबंधक की प्रतिनियुक्ति अर्हता में मनमाना संशोधन शामिल किया गया था। दरअसल, याचिकाकर्ताओं का चयन राज्य अभियांत्रिकी सेवा-2014 में सफल होने के आधार पर किया गया था।

उस समय प्रचलित नियम के अनुसार प्रतिनियुक्ति पर जाने के लिए सहायक प्रबंधक पद पर पांच वर्ष सेवा का अनुभव नियत था। लेकिन अब मनमाना नियम थोप दिया गया है। इससे याचिकाकर्ताओं का हक मारा जा रहा है। जिस पर हाईकोर्ट की शरण ली गई है। जिसमें राहत चाही गई है कि मनमाने नियम को निरस्त कर पूर्व नियत को बहाल किया जाये। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।

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