- जांच रिपोर्ट के आधार पर की जा रही वैधानिक कार्यवाही
भोपाल, 17 जुलाई. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा संचालनालय, लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा के पत्र क्रमांक विनियमन /2024 /248 दिनांक 15 जुलाई के परिपालन में त्वरित कार्यवाही करते हुए भोपाल में पहले ही दिन क्लीनिक्स, नर्सिंग होम्स, पैथोलॉजी लैब्स व कलेक्शन सेंटर्स की जांच व सत्यापन का अभियान प्रारंभ कर दिया है।
विभाग द्वारा गठित 8 दलों द्वारा भोपाल के विभिन्न इलाकों में संचालित 17 क्लीनिक्स में चिकित्सा व्यवसाय कर रहे व्यक्तियों की सघन जांच की गई।
निरीक्षण दल द्वारा चिकित्सा व्यवसाय कर रहे व्यक्तियों की डिग्री, चिकित्सा पद्धति, काउंसिल का पंजीयन , म प्र उपचार्यगृह एवं रूज़ोपचार संबंधी स्थापना अधिनियम, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम , गुमास्ता लाइसेंस की जांच की गई। जांच के दौरान अवैध रूप से चिकित्सा व्यवसाय में संलग्न व्यक्तियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई हेतु पुलिस, नगर निगम, औषधि प्रशासन, प्रदूषण नियंत्रण मंडल को सूचना दी जा रही है ,ताकि उनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई की जा सके।
सी एम एच ओ द्वारा गठित दल ने भोपाल के विभिन्न इलाकों में जाकर क्लिनिक्स की जांच की । निरीक्षण दल द्वारा जैतवाल के पास बी फार्मा की डिग्री पाई गई । नीलबड़ क्षेत्र में विकास क्लिनिक के नाम पर प्रैक्टिस कर रहे अभिषेक सिंह द्वारा निरीक्षण दल को दस्तावेज नहीं दिखाई जा सके। इस कारण आगामी आदेश तक क्लिनिक का संचालन बंद करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भोपाल डॉ प्रभाकर तिवारी ने निजी चिकित्सा व्यवसायियों से अपील की है कि वे शासन द्वारा निर्धारित सभी अनुमतियां प्राप्त करने के बाद ही चिकित्सा व्यवसाय करें । ऐसा नहीं करने पर संबंधितों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जावेगी । ये कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी। कार्यवाही में जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस ,खाद्य एवं औषधि प्रशासन का सहयोग भी लिया जा रहा है।