एक गौंवश की कमजोरी से मौत, चार पैरों से अक्षम मिले

जांच करने गौशाला बंदरकोला पहुंंची टीम, लम्पी वायरस से कोई गौवंश ग्रसित नहीं मिला
 
जबलपुर: बंदरकोला स्थित  श्याम सुन्दर गौशाला में  लंपी वायरस की दस्तक होने और इस वायरस की चपेट में आने से एक गौवंश की मौत होने की खबर से हडक़ंप मच गया। भनक लगते ही पशुपालन विभाग की टीम शनिवार को जांच करने पहुंची जिसमें पाया गया कि इस गौशाला का कोई भी गौवंश या पशु लम्पी वायरस से ग्रसित नहीं है।  11 जुलाई को एक गाय की मृत्यु जरूर हुई थी, लेकिन इसका कारण कारण भी लम्पी वायरस नहीं था।

मृत गाय अत्यधिक कमजोर थी और इस वजह से गर्भपात के दौरान उसकी मृत्यु हो गई थी।  गौशाला में चार गौवंश ऐसे हैं जिनके पिछले पैर में नि:शक्तता है और इस वजह से उन्हें चलने में कठिनाई हो रही है। इन चारों का उपचार किया जा रहा है।  पिछले माह इस गौशाला में बाहर (ग्राम तिल्सी) से दो गौ वंश लाये गये थे जो एलएसडी की बीमारी से रिकवर हो चुके हैं अब पूरी तरह स्वस्थ्य हैं। उप संचालक पशुपालन के स्पष्ट किया कि न केवल बन्दरकोला स्थित गौशाला बल्कि जबलपुर जिले के किसी भी हिस्से से लम्पी वायरस से गौवंश या पशु के ग्रसित होने की अभी तक कोई सूचना या शिकायत प्राप्त नहीं हुई है।
  क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक जबलपुर से करीब तीस किलोमीटर दूर ग्राम बंदरकोला गांव में स्थित गौ शाला में  लंपी वायरल से एक गौवंश की मौत होने और यहां खाने-पीने की व्यवस्था न होने की जानकारी सामने के बाद  पशु विभाग अलर्ट हुआ। पशु पालन एवं डेयरी विभाग की संयुक्त टीम जबलपुर द्वारा ग्राम पंचायत बंदरकोला की श्याम सुन्दर गौशाला बंदरकोला जिला जबलपुर निरीक्षण किया गया। जिसमें पाया गया कि गौशाला की भूसा गोदाम में पर्याप्त मात्रा में भूसा संधारित पाया गया। गौवंश के लिए पीने को पानी स्वच्छ एवं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध मिला।  जांच में पाया गया कि एक गाय कमजोर थी, गर्भपात के दौरान उसकी मृत्यु हुई थी।
72 गौवंश मिले, कुछ में नहीं लगे थे टैग
पशु पालन एवं डेयरी विभाग की संयुक्त टीम की जांच में गौशाल में कुल 72 गौवंश पाये गये, कुछ नए गौवंश में टैग नहीं लगे थे उनमें टैगिंग करने के लिए निर्देशित किया गया है। इसके अलावा 2 गौवंश इसी माह बाहर से (ग्राम तिल्सी) से लाए गये थे जो बीमारी थे और अब स्वस्थ्य है।  गौशाला में 4 गौवंश ऐसे है जो पिछले पैरों में नि:शक्तता है, जिस कारण चलने में परेशानी है। इन गौवंश का उपचार किया जा रहा है।
 इनका कहना है
पशुपालन विभाग द्वारा ग्राम पंचायत बंदरकोला गौशाला का निरीक्षण किया गया। सभी व्यवस्थाएं उचित पायी गई।  लंपी वायरस से कोई भी गौवंश एवं अन्य पशु ग्रसित नहीं पाया गया एवं ना ही इस रोग से संबंधित सूचना की शिकायत जबलपुर जिले के अन्य ग्रामों से प्राप्त हुई है।
डॉ. प्रफुल मून,  उपसंचालक, पशुपालन विभाग

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