नयी दिल्ली, 12 जुलाई (वार्ता) घरेलू ऐग्री-वैल्यू श्रृंखला की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने, बाज़ार संबंधों को मज़बूत करने और ट्रेस करने योग्य बनाने तथा जलवायु स्मार्ट वैल्यू श्रृंखलाओं के निर्माण की दिशा में, आईटीसी ने आईटीसीमार्स को एक भौतिक पारिस्थितिकी तंत्र के साथ, दस राज्यों में सफलतापूर्वक बढ़ाया है।
नई पीढ़ी के कृषि प्रौद्योगिकियों को सहक्रियात्मक रूप से एकीकृत करके, आईटीसीमार्स नई और स्केलेबल राजस्व धाराओं को विकसित करने, सोर्सिंग क्षमताओं को मज़बूत करने और आईटीसी के उच्च श्रेणी के भारतीय ब्रांड्स को शक्ति प्रदान करने के लिए विश्वस्तरीय डिजिटल टूल का लाभ उठाते हुए, भारतीय कृषक समुदाय को हाइपरलोकल और वैयक्तिकृत समाधान प्रदान करने के लिए एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र विकसित कर रहा है। आईटीसीमार्स प्लेटफॉर्म कृषि इनपुट और फार्म आउटपुट के लिए हाइपरलोकल ई-मार्केट सेवाएं प्रदान करता है, ऋण तक पहुंच सक्षम बनाता है और मौसम पूर्वानुमान, कृषि विज्ञान, बेहतर उत्पादकता के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं, गुणवत्ता आश्वासन आदि को कवर करते हुए मौसम की भविष्यवाणी और अनुदेशात्मक सलाहकार सेवाओं की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है।इन प्रक्रियाओं का एकीकरण कृषि पारिस्थितिकी तंत्र को सभी हितधारकों के लिए, बेहतर मूल्य सृजन की दिशा में परिवर्तनकारी बदलाव करने में सक्षम बनाता है। पारिस्थितिकी तंत्र किसानों को जैविक और नैनो-पोषक तत्वों जैसे टिकाऊ कृषि-इनपुट तक पहुंच भी प्रदान करता है। ‘कृषिमित्र ‘ जैसी नई युग की कार्यक्षमता – किसानों के लिए फर्स्ट जनरेशन एआई आधारित वॉयस चैटबॉट, स्थानीय भाषाओं में वॉयस टू टेक्स्ट तकनीक को स्थापित करने वाले रचनात्मक यूज़र -इंटरफ़ेस को सक्षम बनाता है, जिससे कृषक समुदायों द्वारा डिजिटल तकनीक को अपनाने में आसानी होती है।