बेंगलुरु, 12 जुलाई (वार्ता) कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) ने कर्नाटक से 31 जुलाई तक बिलिगुंडलु में प्रतिदिन एक टीएमसी फीट (11,500 क्यूसेक) पानी का प्रवाह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है, ताकि तमिलनाडु की पानी की ज़रूरतों को पूरा किया जा सके।
यह निर्देश कर्नाटक द्वारा अपने जलाशयों में पानी के प्रवाह में महत्वपूर्ण कमी की सूचना के बाद आया है।
कृष्णराज सागर बांध में पांच जुलाई को जलस्तर 100 फुट से अधिक दर्ज किया गया, फिर भी यह अपनी पूरी क्षमता 124.80 फुट से कम है। एक जून से नौ जुलाई के बीच कर्नाटक ने अपने चार जलाशयों में केवल 41.651 टीएमसी फुट पानी का प्रवाह देखा, जो ऐतिहासिक औसत की तुलना में 28.71 प्रतिशत की कमी है।
राज्य ने शुरू में जलाशयों में हुई कमी का हवाला देते हुए, 25 जुलाई तक पानी छोड़ने के बारे में कोई भी निर्णय स्थगित करने की मांग की थी। हालांकि, सीडब्ल्यूआरसी के हालिया निर्देश में चल रहे जल विवादों के बीच दोनों राज्यों के बीच सहयोग की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया गया है।
उपमुख्यमंत्री एवं जल संसाधन मंत्री डी.के. शिवकुमार के कार्यालय के अनुसार, कर्नाटक के जलाशयों में वर्तमान में 58.66 टीएमसी फुट पानी है, जबकि तमिलनाडु के जलाशयों में 24.705 टीएमसी फुट पानी है। इसके अलावा, तमिलनाडु सक्रिय रूप से मेट्टूर और भवानी जलाशयों से नदी प्रणाली में 5.542 टीएमसी फुट पानी छोड़ रहा है।
तमिलनाडु सरकार ने चिंता जताई है कि कर्नाटक ने फरवरी और मई 2024 के बीच आवश्यक पर्यावरणीय जल प्रवाह को बनाए नहीं रखा। उन्होंने कहा कि बिलिगुंड्लु में जल प्रवाह कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के फैसले के अनुरूप होना चाहिए, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने बरकरार रखा है।
मानसून के मौसम के बावजूद, श्री शिवकुमार ने कर्नाटक में अपर्याप्त वर्षा और जल स्तर पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने जल संसाधन प्रबंधन में चल रही चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “ कुछ वर्षा तो हुई है, लेकिन यह हमारे जलाशयों और झीलों को भरने के लिए अपर्याप्त है।”
कर्नाटक सरकार को बिलिगुंड्लु में प्रतिदिन कावेरी जल का प्रवाह सुनिश्चित करने का निर्देश सीडब्ल्यूआरसी ने गुरुवार को दिया।