ग्वालियर: इन्सान का इन्सान से हो भाईचारा यही पैगाम हमारा -सूफी संतों ने समाज को यही संदेश दिया है राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सदभाव बढाने मे सूफी संतों का महत्व पूर्ण योगदान रहा है। उक्त उदगार हजरत ख़्वाजा खानून साहब के उर्स में आयोजित सेमिनार में वक्ताओं ने व्यक्त किये। सेमिनार में मुख्य अतिथि के रूप में मप्र बीज विकास निगम के चेयरमैन मुन्नालाल गोयल एवं अध्यक्षता दरगाह के सज्जादानशीन हजरत ख़्वाजा राशिद खानूनी ने की।
सूफी संतों की शिक्षाओं का राष्ट्रीय एकता में योगदान विषय पर डाँ तसलीम अहमद खान, अमर सिंह माहौर, ख्वाजा साकिब खानूनी, शरीफ कुर्रेशी ने विचार प्रकट किये। मुन्नालाल गोयल ने कहा कि वर्तमान परिवेश में जब कुछ लोग समाज में अलगाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं ऐसे में हमें सूफी संत से सीख लेनी चाहिये। आरम्भ में दरगाह के नायब सज्जादानशीन डाँ ऐजाज खानूनी ने अतिथियों का स्वागत किया। अध्यक्ष पद से बोलते हुए दरगाह के सज्जादा नशीन हजरत ख़्वाजा राशिद खानूनी ने सूफी संतों के योगदान की चर्चा करते हुये उनके बताये मार्ग पर चलने का आवाहन किया। कार्यक्रम का संचालन उर्स संयोजक रामबाबू कटारे ने किया।