कर्बला की जंग मानव इतिहास की ऐसी पहली जंग है, जिसमें जीतने वाले यजीद का नामलेवा न रहा, वहीं इस जंग में शहीद इमाम हुसैन को पूरी दुनिया साल-दर-साल अकीदत के साथ याद करती है।इस जंग ने संदेश दिया कि जुल्म के खिलाफ खड़े होने वाले मर कर भी अमर हो जाते हैं। इसी क्रम पहली से दस मोहर्रम तक शहर में विभिन्न इमाम बारगाहों, दरगाहों और कर्बला में मजलिसों की हलचल रहती है। वहीं शहर के विभिन्न मोहल्लों में ताजियों और अलम के जुलूस निकाले जाते हैं। दस दिनों तक शहर की मुख्य मस्जिदों में मजलिसों का दौर चलेगा।शहर में ताजिया सजाकर इमामबाड़े में ले जाया जा रहा है जहां ताजियों को दस दिन तक रखा जाएगा।
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लव जिहाद पर अंकुश लगाने हिन्दू संगठन ने सौंपा ज्ञापन
Tue Jul 9 , 2024
Share on Facebook Tweet it Share on Reddit Pin it Share it Email ग्वालियर: हिन्दू संगठन के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया व ज्ञापन सौंपकर लव जिहाद जैसी घटनाओं पर तत्काल अंकुश लगाने के लिए ज्ञापन सौंपा।इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि ग्वालियर क्षेत्र में हिन्दू समाज […]

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