संयुक्त राष्ट्र, 09 जुलाई (वार्ता) संयुक्त राष्ट्र की उप महासचिव अमीना मोहम्मद ने 2030 तक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने के लिए साहसिक नीतियों और नवीन समाधानों के प्रति तत्काल प्रतिबद्धता की मांग की।
सतत विकास पर 2024 उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ) से बोलते हुए, उप महासचिव ने सोमवार को गरीबी, खाद्य असुरक्षा और जलवायु परिवर्तन जैसी प्रमुख वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए “परिवर्तनकारी कार्रवाई” की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में प्रतिनिधियों से उन्होंने कहा, ” हमारे सामने सबसे बड़ी चुनौतियां भयावह हैं, लेकिन हम मिलकर उनसे पार पा सकते हैं, शांतिपूर्ण, समृद्ध और टिकाऊ भविष्य हासिल कर सकते हैं जिसकी सभी लोगों को न केवल जरूरत है बल्कि वे इसके हकदार भी हैं।”
उप महासचिव ने कहा, “शिखर सम्मेलन पीढ़ी दर पीढ़ी कम होते भरोसे को फिर से जोड़ने और इसे प्रदर्शित करने का अवसर है। यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग, मानवीय एकजुटता हमें आगे ले जा सकता है।”
उन्होंने गरीबी से लेकर जलवायु परिवर्तन तक वैश्विक समुदाय की बहुआयामी चुनौतियों और इस चिंताजनक वास्तविकता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि एसडीजी का पांचवां हिस्सा भी पटरी पर नहीं है, लेकिन इसे चुनौतियों पर विजय पाकर और सभी के लिए एक स्थायी भविष्य प्राप्त करने के लिए सामूहिक क्षमता को सुदृढ़ करके ठीक भी किया जा सकता है।
संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद (ईसीओएसओसी) के तत्वावधान में आयोजित इस वर्ष का एचएलपीएफ विभिन्न वैश्विक संकटों के बीच टिकाऊ, लचीले और अभिनव समाधानों के माध्यम से गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित है। आठ से 17 जुलाई तक चलने वाले इस फोरम का उद्देश्य कई एसडीजी की दिशा में प्रगति का आकलन करना है, जिसमें गरीबी को समाप्त करना, भूख को खत्म करना, जलवायु कार्रवाई, शांतिपूर्ण और समावेशी समाज तथा कार्यान्वयन विधियों को बढ़ाना शामिल है।