खरगोन। जमात खाने में शुक्रवार रात जमात इस्लाहुल मुस्लिमीन के बैनर तले आगामी मोहर्रम पर्व को लेकर बैठक आयोजित की गई। इसमें सुन्नत वल जमात के उलमा, मौलाना उस्मान, मुसअब मुफ्ती जिलानी, मौलाना कुतुबुद्दीन कादरी, हाफिज कलीम, हाफिज मोहसिन, मुफ्ती तैयब, सदर आरिफ खान, जाकीर खान, मगबूल खान, पूर्व सदर अल्ताफ आजाद, जाकिर हाफिज सहित शहरभर के मौलाना मौजूद रहे।
बैठक में मौलानाओं ने कहा कि डीजे बजाना, नाचना. गाना शरीयत में हराम है। शहादत के त्यौहार पर डीजे, ढोल- तांशें बजाकर फूहड़ता वाला नाच. गाना कर हम शहादत की तौहिन नही कर सकते। बैठक में निर्णय लिया कि मोहर्रम पर निकलने वाले जुलूस में डीजे, ढोल. तांशें पर पाबंदी रहेगी। इस पाबन्दी को लागू करने के लिए मोहल्ला कमेटियां बनाई जाएगी, यदि कोई इसके बाद भी शासन, प्रशाशन या जनप्रतिनिधियों के पास परमिशन लेने जाता है और डीजे बजाता है तो उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इस निर्णय पर सभी ने सहमति जताई है। उल्लेखनीय है कि इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार साल के पहले महीने को मुहर्रम के रूप में मनाया जाता है। इस्लाम में रमजान के बाद मुहर्रम दूसरा सबसे पवित्र महीना माना जाता है। इस साल मुहर्रम की संभावित तारीख 7 जुलाई हो सकती है।
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