नयी दिल्ली 27 जून (वार्ता) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्म ने कहा है कि सरकार ने “नारी नेतृत्व में विकास” की अवधारणा के साथ नारी सशक्तिकरण की नयी शुरुआत की है।
राष्ट्रपति ने 18 वीं लोकसभा के गठन के बाद गुरुवार को संसद के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करते हुए कहा कि “नारी नेतृत्व में विकास” के लिए सरकार ने महिला सशक्तिकरण के एक नए युग की शुरूआत की है। देश की नारीशक्ति लंबे समय तक लोकसभा और विधानसभा में अधिक भागीदारी की मांग कर रही थी। नारी शक्ति वंदन अधिनियम की ताकत है जिसके सरकार ने संभव किया है।
उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं की वजह से पिछले एक दशक में महिलाओं का आर्थिक सामर्थ्य बढ़ा है। बीते 10 वर्ष में बने चार करोड़ प्रधानमंत्री आवास में से ज्यादातर महिलाओं के नाम ही आवंटित हुए हैं। तीसरे कार्यकाल की शुरुआत में ही सरकार ने तीन करोड़ नए घर बनाने को स्वीकृति दे दी है। इनमें से भी अधिकतर घर महिलाओं के नाम पर ही आवंटित होंगे। बीते 10 वर्षों में 10 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हैं। सरकार ने तीन करोड़ महिलाओं को लखपति दीदी बनाने का एक व्यापक अभियान चलाया है। इसके लिए स्वयं सहायता समूह को आर्थिक मदद भी बढ़ाई जा रही है।
श्रीमती मुर्मु ने कहा, “सरकार का प्रयास है कि महिलाओं का कौशल बढ़े, कमाई के साधन बढ़ें और उनका सम्मान बढ़े। नमो ड्रोन दीदी योजना इस लक्ष्य की पूर्ति में सहायक बन रही है। इस योजना के तहत हज़ारों स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को ड्रोन दिए जा रहे हैं। ड्रोन पायलट बनने की ट्रेनिंग दी जा रही है।” उन्होंने कहा कि सरकार ने हाल में ही कृषि सखी कार्यक्रम भी शुरु किया है। इसके तहत अभी तक स्वयं सहायता समूह की 30 हज़ार महिलाओं को कृषि सखी के रूप में प्रमाण पत्र दिए गए हैं। कृषि सखियों को आधुनिक खेती की तकनीक में प्रशिक्षित किया जा रहा है, ताकि वे कृषि को और आधुनिक बनाने में किसानों की मदद कर सकें।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार का ये भी प्रयास है कि महिलाएं अधिक से अधिक बचत कर सकें। बैंक खातों में जमा राशि पर बेटियों को ज्यादा ब्याज देने वाली सुकन्या समृद्धि योजना की लोकप्रिय हैं। मुफ्त राशन और सस्ते गैस सिलेंडर की योजना से महिलाओं को बहुत लाभ हो रहा है। विकसित भारत का निर्माण तभी संभव है जब देश के गरीब, युवा, नारीशक्ति और किसान सशक्त होंगे।