जबलपुर:शहर के कई क्षेत्रों में लोग मटमैले पानी की समस्या से जूझ रहे है। पानी भरते ही मिट्टी की परत बर्तनों की सतह पर दिखने लगती है। यह समस्या उन घरों के लिए किसी सजा से कम नहीं जो पूरी तरह सरकारी पानी की व्यवस्था पर टिके हैं। दरअसल, विगत कुछ दिन पहले मेन राईसिंग लाइन में फाल्ट आने के कारण की गई रिपेरिंग के बाद घर के नलों ने मटमैला पानी उगला था। जिसके चलते आम लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था। भीषण गर्मी ओर उमस के चलते पानी की डिमांड आम दिनों के मुकाबले बढ़ चुकी है। ऐसे में शुद्ध पेयजल की सप्लाई बाधित रहना और फिर मटमैला पानी मिलना किसी सजा से कम नहीं है। मानसून की दस्तक होते ही चिकित्सक खासतौर पर शुद्ध पानी पीने की सलाह देते है। लेकिन इस तरह से मटमैला पानी पीने से आम लोगों में बिमारियों के फैलने कर डर भी बना हुआ है। फॉल्ट के बाद परेशानी
जल विभाग से जुड़े जानकारों की माने तो जब कभी मेन राईसिंग लाइन में फाल्ट या सफाइ की जाती है तो शुरू-शुरू में थोड़ा मटमैला पानी आता है। बाद में लाइन का पानी निकल जाने के बाद साफ फिल्टर जल आने लगता है। इतना ही नहीं मटमैले पानी की समस्या कुछ-कुछ महीनों के अंतराल में बनी ही रहती है। जिसकी शिकायत आम लोगों द्वारा अधिकारियों को भी कि जाती है। अगर निगम द्वारा शहर में मौजूद पानी की टंकियों और पाइप लाइनों की समय- समय पर सफाई कराते रहे तो यह स्थिती कभी निर्मित नहीं होगी
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