कोलकाता 26 जून (वार्ता) पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के दो नवनिर्वाचित विधायकों ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस से विधानसभा में बुधवार को शपथ लेने की मांग करते हुए विधानसभा के गलियारे में घंटों तक बैठ कर प्रदर्शन किया।
दूसरी ओर, राज्यपाल राजभवन में दोनों को शपथ दिलाने का इंतजार करते रहे और कार्यक्रम के लिए निर्धारित समय समाप्त होने पर नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
दोनों नवनिर्वाचित विधायक सायंतिका बनर्जी और रायत हुसैन सरकार गले में नारे लिखी तख्तियां लटकाए विधानसभा के गलियारे में बैठे नजर आए और मांग की कि राज्यपाल उनके शपथ ग्रहण समारोह में आएं। दोनों ने कहा कि वे दोपहर के आसपास पहुंचे और राज्यपाल के आने का शाम चार बजे तक इंतजार किया।
सुश्री बनर्जी ने बारानगर से और श्री सरकार ने भागवानगोला से विधानसभा उपचुनाव जीता है। यह उपचुनाव हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनावों के साथ ही हुआ था।
राज्यपाल भवन के सूत्रों ने बताया कि श्री बोस ने तय कार्यक्रम के अनुसार शपथ ग्रहण समारोह के लिए विधायकों के राजभवन पहुंचने का इंतजार किया और उसके अनुसार आमंत्रितों और अतिथियों के बैठने की व्यवस्था की गई। राजभवन ने मंगलवार को कहा कि संविधान के अनुसार, तृणमूल कांग्रेस के दोनों विधायकों के शपथ ग्रहण पर अंतिम निर्णय राज्यपाल का होगा। दोनों विधायकों ने राज्यपाल को पत्र लिखकर शपथ ग्रहण समारोह के लिए विधानसभा पहुंचने का अनुरोध किया था।
राजभवन ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि संविधान के खंड 188 के अनुसार, विधानसभा के सदस्यों के लिए अपनी सीट पर बैठने से पहले राज्यपाल या राज्यपाल द्वारा ऐसा करने के लिए नियुक्त किसी व्यक्ति के समक्ष शपथ लेना अनिवार्य है। संवैधानिक रूप से, राज्यपाल किसी विधायक को शपथ दिलाते हैं लेकिन परंपरा के अनुसार, राज्यपाल यह काम स्पीकर या डिप्टी स्पीकर को सौंपते हैं।
श्री बोस ने मंगलवार को विधायकों को पत्र लिखकर उन्हें शपथ ग्रहण के लिए बुधवार को दोपहर 12 बजे राजभवन में उपस्थित होने को कहा था। विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वे कानूनी कदम उठाएंगे और वकीलों से सलाह लेंगे कि राज्यपाल ने ऐसा रुख क्यों अपनाया।
अध्यक्ष ने कहा कि शपथ ग्रहण समारोह के स्थल के बारे में उन्हें राजभवन से कोई सूचना नहीं मिली है।