भारत-अमेरिका शिखर सम्मेलन की दूसरी बैठक में विचार मंथन

नयी दिल्ली, 17 जून (वार्ता) भारत और अमेरिका ने रणनीतिक प्रौद्योगिकी पर अपनी साझीदारी को हिन्द प्रशांत क्षेत्र के भविष्य की सुरक्षा एवं समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण करार दिया है और ऐसी तकनीक के संयुक्त विकास तथा उत्पादन के साथ-साथ प्रौद्योगिकी की सुरक्षा एवं व्यापार की नीति पर भी विचार मंथन किया।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन की संयुक्त रूप से अध्यक्षता में सोमवार को यहां हैदराबाद हाउस में क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी पर पहल (आईसीईटी) पर भारत-अमेरिका शिखर सम्मेलन की दूसरी बैठक में यह विचार मंथन हुआ।

बैठक के बाद एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया कि जनवरी 2023 में आईसीईटी के लॉन्च के बाद से, भारत और अमेरिका ने अंतरिक्ष, सेमीकंडक्टर, उन्नत दूरसंचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, क्वांटम, जैव प्रौद्योगिकी और स्वच्छ ऊर्जा सहित प्रमुख प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में रणनीतिक सहयोग को गहरा करने और विस्तारित करने की दिशा में महत्वपूर्ण प्रगति की है।

वक्तव्य में कहा गया कि हमारा काम यह सुनिश्चित करने के लिए हमारी साझा प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करना है कि प्रौद्योगिकी को हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और सार्वभौमिक मानवाधिकारों के सम्मान के अनुरूप डिजाइन, विकसित और क्रियान्वित किया जाए, साथ ही साथ यह मान्यता भी दी जाए कि हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के भविष्य की सुरक्षा और समृद्धि भारत-अमेरिका की साझीदारी की मजबूती पर निर्भर करेगी।

वक्तव्य में कहा गया कि दूसरी आईसीईटी बैठक के दौरान, दोनों एनएसए ने हमारी रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझीदारी के अगले चरण के लिए दृष्टिकोण निर्धारित किया और हमारे सहयोग को प्राथमिकता वाले महत्वपूर्ण और उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करके सह-उत्पादन, सह-विकास और अनुसंधान एवं विकास (आर एंड डी) के प्रयासों पर बल देने की अपनी प्रतिबद्धता रेखांकित की।

उन्होंने कहा कि हम एवं दुनिया भर में हमारे साझीदार समान विचारधारा वाले देशों के साथ नवाचार और समन्वय बढ़ाने में अग्रणी बने हुए हैं। भारतीय और अमेरिकी लोगों के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और लागत-प्रतिस्पर्धी प्रौद्योगिकी समाधान प्रदान करें। दोनों पक्षों ने सुरक्षा टूलकिट और संवेदनशील एवं दोहरे उपयोग वाली प्रौद्योगिकियों के असुरक्षित हाथों में जाने से रोकने के लिये कडे सुरक्षा उपायों का संकल्प लिया। उन्होंने आने वाले महीनों में द्विपक्षीय रणनीतिक व्यापार, प्रौद्योगिकी और औद्योगिक सहयोग में लंबे समय से चली आ रही बाधाओं के समाधान के लिए ठोस कदम उठाने की भी प्रतिबद्धता जताई।

दोनों एनएसए ने मंगलवार को आईसीईटी बैठक के अलावा उद्योग जगत का गोलमेज सम्मेलन बुलाया है। भारत और अमेरिका के विचारशील नेतृत्व द्वारा एकजुट होकर दोनों देशों के उद्योग समूहों एवं सीईओ को रणनीतिक प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में सहभागिता और निजी निवेश के लिए एक साथ आने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

वक्तव्य के अनुसार दोनों राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों ने दोनों देशों की सरकारों के बीच वाणिज्यिक एवं नागरिक अंतरिक्ष क्षेत्र, उद्योग, और शिक्षा के क्षेत्र के साथ साथ हमारे इनोवेशन इकोसिस्टम के बीच सेतु कायम करने, नागरिक और रक्षा अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी सहयोग में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने, उन्नत दूरसंचार अवसरों का अनुसरण करने, जैव प्रौद्योगिकी और जैव विनिर्माण में क्षमताओं का संयोजन करने, सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुरक्षित करने, 21वीं सदी के लिए स्वच्छ ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज साझीदारी स्थापित करने तथा क्वांटम, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग में सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया।

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