नयी दिल्ली 16 जून (वार्ता) सत्रहवीं लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि मौजूदा समय में संसद भवन के सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है और इसी के तहत परिसर में अलग-अलग जगहों पर लगी हुईं महापुरुषों की प्रतिमाओं को एक स्थान पर लाकर प्रेरणा स्थल (बीजी-7, संविधान सदन के सामने) बनाया गया है, जो वर्त्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी होगा।
श्री बिरला ने रविवार को यहां बताया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और इसके संसद का आने वाले समय में विश्व का सबसे अच्छा संसद भवन परिसर होगा। इसको लेकर कई बदलाव किये जा रहे हैं। इसी बदलाव के तहत संसद भवन में अलग-अलग स्थानों में लगी महापुरुषों की प्रतिमाओं को एक स्थान पर लाया गया है और उस स्थल का नाम प्रेरणा स्थल रखा गया है, जो वर्त्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणादायी होगा।
उन्होंने बताया कि प्रेरणा स्थल संसद भवन को देखने आने वाले लोगों को रोमांचित करेगा क्योंकि अब उन्हें यहां प्रत्येक महापुरुषों के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी भी मिलेगी। उन्होंने बताया कि प्रेरणा स्थल पर लगी हरेक महापुरुष की प्रतिमा के साथ उनके बारे जानकारी उपलब्ध करायी गयी है।
इस दौरान उन्होंने संसद भवन लगीं महापुरुषों की प्रतिमाओं को हटाने के विपक्षी दलों के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “संसद भवन में लगी किसी भी महापुरुष की प्रतिमा को हटाया नहीं लगाया है, बल्कि संसद भवन में अलग-अलग जगहों पर लगीं महापुरुषों की प्रतिमाओं को एक स्थान पर लाकर उनके बारे में लोगों की विस्तृत रूप से जानकारी मुहैया कराने का काम किया गया है। अब आगंतुक प्रत्येक प्रतिमा के पास ही उस महापुरुष की कीर्ति और शौर्य के बारे में जानकारी हासिल कर पाएंगे। ”
गौरतलब है कि कांग्रेस सहित तमाम विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा को निर्धारित स्थान से हटाकर सरकार उनके आवाज के दबाने की कोशिश कर रही है, क्योंकि विपक्षी दल जनता की आवाज को उठाने और सरकार के कदम के खिलाफ अपना विरोध जताने के लिए यहां पर धरना-प्रदर्शन करते थे।
श्री बिरला ने इस मुद्दे पर कहा कि विपक्षी दलों की जनता के मुद्दों को उठाने और अपना विरोध जताने के लिए संसद भवन में पर्याप्त स्थान है, वे वहां अपनी आवाज उठाएं। उन्होंने कहा कि संसद भवन परिसर कोई धरना स्थल नहीं है।
इस दौरान उन्होंने महात्मा गांधी, बाबासाहब डॉ. भीमराव आंबेडकर और छत्रपति शिवाजी की प्रतिमाओं को हटाने से पहले विपक्षी दलों से विचार-विमर्श नहीं करने से सवाले पर कहा, “लोकसभा अध्यक्ष होने के नाते यह हमारे अधिकार क्षेत्र में था और हमने अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए यह फैसला लिया, ताकि संसद भवन को देखने आने वाले लोग सिर्फ केलव महापुरुषों की प्रतिमाओं को ही न देखें, बल्कि देश के लिए किये गये उनके योगदानों और उनके शौर्य के बारे में भी जानकारी हासिल कर सकें।”
उन्होंने बताया कि संसद भवन की खूबसूरती को बढ़ाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से वनस्पति के पौधों को लाकर लगाया गया है और हमारा दावा है कि आने वाले समय में दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का संसद भवन परिसर विश्व का सबसे सुंदर संसद भवन परिसर होगा।
इस दौरान उन्होंने संसद भवन परिसर की की सुरक्षा व्यवस्था सहित तमाम विषयों पर बात की। उन्होंने बताया कि पहले संसद भवन की सुरक्षा में अलग-अलग एजेंसी लगी हुयी थी, लेकिन अब यह जिम्मा सिर्फ एक एजेंसी को दे दिया गया है, जिसके व्यस्थाएं आसान हुयी हैं। उन्होंने संसद भवन की सुरक्षा व्यवस्था में हुए बदलाव के कारण लोगों की जीविका पर पड़ने वाले असर के बारे में कहा, “ इससे किसी की भी जीविका पर असर नहीं पड़ेगा। किसी को भी नौकरी से नहीं हटाया जाएगा। या किसी को भी समय पर सेवानिवृत्ति नहीं दी जाएगी।”
श्री बिरला ने लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि यह मुद्दा राजनीतिक है और इसका फैसला राजनीतिक दल करेंगे।