- मल्टी प्रोजेक्ट को अनुमति के लिए कैबिनेट में भेजा जाएगा
- मंत्री विजयवर्गीय ने की विभाग की योजनाओं की समीक्षा
प्रशासनिक संवाददाता
भोपाल, 6 जून. राजधानी भोपाल में अब प्रदेश के मंत्रियों और विधायकों के लिए नया घर बनेगा. मंत्रियों के नए आवास और अपार्टमेंट्स बनाने में कम से कम 3000 करोड़ रुपए खर्च होंगे. मप्र गृह एवं अधोसंरचना विकास मंडल को मंत्रियों और विधायकों के नए आशियाना बनाने का काम दिया जा रहा है.
प्रदेश के नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गुरुवार को चुनाव आचार संहिता हटने के बाद मंत्रालय में विभाग की चालू योजनाओं और भावी योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान बैठक में हाउसिंग बोर्ड की ओर से प्रजेंटेशन दिया गया. मंत्री विजयवर्गीय ने कह कि इस बड़े श्रेणी के कार्य पर विशेष फोकस करें और समय-सीमा में निर्माण कार्य पूरा करने के लिये कार्य-योजना तैयार कर लें। बताया गया कि इस मल्टी प्रोजेक्ट पर कैबिनेट से अनुमति ली जायेगी।
मेट्रो का काम पूरा होने अब एक वर्ष और लगेंगे
प्रदेश के दो बड़े शहरों में चल रहा मेट्रो प्रोजेक्ट का काम पूरा होने में एक वर्ष का समय और लगेगा. मंत्री विजयवर्गीय ने मेट्रो रेल प्रोजेक्ट की समीक्षा करते हुए कहा कि मेट्रो के काम में तेजी लायें और जल्द से जल्द अधूरे कार्य पूरे करें। एम.पी. मेट्रो के एमडी ने बताया कि भोपाल में 6941.40 करोड़ रुपये और इंदौर में 7500.80 करोड़ की लागत से मेट्रो रेल परियोजना पर काम जारी है। मेट्रो रेल निर्माण का सम्पूर्ण कार्य जून-2027 तक पूर्ण किया जाना है।
प्रत्येक नगरीय निकाय को नगर वन विकास हेतु दिये जायेंगे 2 करोड़ रुपये
मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि नगर वन के विकास के लिये प्रत्येक नगरीय निकाय को 2-2 करोड़ रुपये दिये जायेंगे। नगरीय निकाय उद्यान विकास के साथ-साथ खुद की नर्सरी भी तैयार करें। हर साल जून-जुलाई-अगस्त में व्यापक स्तर पर पौधारोपण भी करायें। इसी तरह जन-सहभागिता से स्मृति-वन भी विकसित किये जा सकते हैं। विभागीय बजट का शत-प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित किया जाये। स्वच्छता सेवकों को पुरस्कार दिया जाये। जो शहर सफाई में अव्वल आये, उसके स्वच्छता मित्रों को शहर की स्वच्छता रेटिंग के अनुसार पारितोषिक दिया जाये। विजयवर्गीय ने कहा कि नगरीय निकाय सौर ऊर्जा उत्पादन के प्रयास भी करें। उन्होंने निर्देश दिये कि 5 से 16 जून तक चलने वाले इस अभियान के तहत जल-स्रोतों की साफ-सफाई, गाद निकालने, जल-संरक्षण कार्यों, पौधारोपण सहित जल-स्रोतों से अतिक्रमण भी हटाये जायें।
अवैध कॉलोनियों पर अंकुश के लिए विशेष दस्ता
मंत्री विजयवर्गीय ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कार्यों की भी समीक्षा की। बताया गया कि शहरों में अवैध कॉलोनियों एवं व्यवसायिक निर्माण कार्यों पर सख्ती से अंकुश लगाने के लिये एक विशेष दस्ता तैयार किया जा रहा है। यह विशेष दस्ता सभी प्रकार के अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने का कार्य करेगा।
सिंहस्थ-2028 के लिये 4 हजार 700 करोड़ रुपये से होंगे कार्य
सिंहस्थ-2028 की तैयारियों की समीक्षा के दौरान बताया गया कि सिंहस्थ से प्रभावित उज्जैन की सीमा से लगे जिलों के नगरीय निकायों में भी सभी जरूरी अधोसंरचना निर्माण कार्य कराये जायेंगे। इन सम्पूर्ण कार्यों के लिये नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा राजय शासन से 4 हजार 700 करोड़ रुपये का बजट मांगा गया है। इस राशि से वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 में स्थायी अधोसंरचना विकास प्रकृति के कई पूंजीगत कार्य कराये जायेंगे। बताया गया कि सिंहस्थ के कार्यों के लिये शासन स्तर पर एक टॉस्क-फोर्स भी गठित की गयी है। सिंहस्थ के मद्देनजर क्षिप्रा नदी में 12 किलोमीटर लम्बाई के नये घाट बनाये जायेंगे। सिंहस्थ की तैयारी के दृष्टिगत उज्जैन का मास्टर प्लान 26 मई 2023 को बन चुका है। उज्जैन विकास योजना-2035 में सिंहस्थ का पड़ाव क्षेत्र भी चिन्हित कर लिया गया है।