भोपाल, 06 जून (वार्ता) केंद्र में नयी सरकार के गठन की प्रक्रिया के बीच मध्यप्रदेश में सभी 29 सीटों पर ऐतिहासिक विजय दर्ज कराने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सभी सांसद, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा दिल्ली पहुंच गए हैं।
पार्टी सूत्रों के अनुसार डॉ यादव दिन में ही दिल्ली पहुंच चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा अपने संसदीय क्षेत्र खजुराहो से शाम को विमान से सीधे दिल्ली पहुंचे। इसके अलावा सभी सांसद भी दिल्ली में डेरा डाल चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (वर्तमान में विदिशा सांसद) और गुना से निर्वाचित सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनैतिक भविष्य पर भी सबकी निगाहें टिकी हुयी हैं।
भाजपा और कांग्रेस समेत किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण देश में गठबंधन की राजनीति का एक और नया तथा महत्वपूर्ण दौर फिर से प्रारंभ होने के कारण केंद्र की नयी सरकार के गठन पर सभी राजनीतिक प्रेक्षकों की निगाहें टिकी हुयी हैं, हालाकि माना जा रहा है कि श्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री के रूप में इसी सप्ताह शपथ ग्रहण करेंगे। भाजपा के नेतृत्व में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार बनने की स्थिति में नए मंत्रिपरिषद में मध्यप्रदेश से कितने मंत्री शामिल हो सकेंगे, इस बात को लेकर सभी की जिज्ञासा है।
राजनैतिक प्रेक्षकों के अनुसार गठबंधन की राजनीति में कर्ताधर्ताओं को फूंक फूंक कर कदम रखने होते हैं। ऐसे हालातों में मध्यप्रदेश में पार्टी के अभूतपूर्व प्रदर्शन के बावजूद कितने सांसदों को मंत्री पद से नवाजा जा सकता है, यह कहना या इस बारे में अनुमान लगाना आसान नहीं है। विदिशा से रिकार्ड आठ लाख से अधिक मतों से विजय हासिल करने वाले और मुख्यमंत्री के रूप में 15 वर्षोँ से अधिक समय तक राज्य की कमान संभाल चुके श्री शिवराज सिंह चौहान के भविष्य की भूमिका क्या होगी, यह जानने को लेकर भी सभी राज्यवासियों की निगाहें लगी हुयी हैं।
प्रदेश अध्यक्ष श्री शर्मा अपना मौजूदा दायित्व चार वर्ष से अधिक समय से संभाल रहे हैं। वे लगातार दूसरी बार खजुराहो संसदीय क्षेत्र से निर्वाचित हुए हैं और प्रदेश अध्यक्ष के रूप में राज्य की सरकार बनवाने के साथ ही लोकसभा में सभी 29 सीटों पर विजय का लक्ष्य हासिल करने की उपलब्धि भी उनकी झोली में हैं। इन स्थितियों के बीच उनकी नयी भूमिका को लेकर भी सभी प्रेक्षकों की निगाहें भाजपा हाईकमान के फैसलों पर लगी हुयी हैं।