सीआईआई सम्मेलन; गोयल ने आर्थिक बुनियाद की मजबूती,स्वस्थ विकास, नितिगत स्थिता को बताया महत्वपूर्ण

विशाखापत्तनम , (वार्ता) केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने देश को विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में प्रगति के लिए आर्थिक ढाँचे की मजबूती, विकास के स्वस्थ तरीकों और नीतिगत स्थिरता के महत्व को रेखांकित करते हुए शुक्रवार को कहा कि भारत को सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा और नवाचार-संचालित उद्योगों में नेतृत्वकारी भूमिका हासिल करनी होगी।

श्री गोयल आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) द्वारा आयोजित, सीआईआई साझेदारी शिखर सम्मेलन 2025 के 30वें संस्करण को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज वैश्विक वृद्धि में भारत एक विश्वसनीय साझेदार बन चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि विकसित भारत-2047 के सपने को साकार करने में आंध्र प्रदेश के महती योगदान कर रहा है।

“प्रौद्योगिकी, विश्वास और व्यापार – नई भू-आर्थिक व्यवस्था का मार्गदर्शन” विषय पर आयोजित इस कार्यक्रम का उद्घाटन उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन ने आंध्र प्रदेश के राज्यपाल सैयद अब्दुल नज़ीर की मौजूदगी में किया। कार्यक्रम को श्री गोयल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने संबोधित दिए।

शिखर सम्मेलन में हरित हाइड्रोजन, अर्धचालक, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण, तटीय लॉजिस्टिक्स, रक्षा और ड्रोन क्षेत्रों में आंध्र प्रदेश के उभरते अवसरों पर भी प्रकाश डाला गया, जिससे राज्य सतत् औद्योगिक विकास के एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित हो रहा है।

एनआईसीडीसी के सीईओ एवं एमडी रजत कुमार सैनी ने “नेक्स्ट-जेन इंडस्ट्रियल कॉरिडोर 2.0: इंडस्ट्री 5.0 के लिए स्मार्ट, कनेक्टेड इकोसिस्टम का निर्माण” शीर्षक से आयोजित एक संपूर्ण सत्र में भाग लिया। उन्होंने ग्रीनफील्ड इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटीज़ को विनिर्माण और नवाचार के लिए स्मार्ट, लचीले और टिकाऊ केंद्रों के रूप में विकसित करने के एनआईसीडीसी के दृष्टिकोण को भी रेखांकित किया।

शिखर सम्मेलन में एनआईसीडीसी मंडप में वैश्विक निवेशकों, नीति निर्माताओं और उद्योग प्रतिनिधियों की मज़बूत भागीदारी और सहभागिता देखी गई। इसमें ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट सिटीज़, यूनिफाइड लॉजिस्टिक्स इंटरफ़ेस प्लेटफ़ॉर्म (यूलिप), लॉजिस्टिक्स डेटा बैंक (एलडीबी), इंडिया इंडस्ट्रियल लैंड बैंक (आईआईएलबी) और पीएम मित्र पार्क समेत एनआईसीडीसी की प्रमुख पहलों को भी प्रदर्शित किया गया, जो डिजिटल, कुशल और टिकाऊ औद्योगिक बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए एनआईसीडीसी के एकीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है। प्रतिनिधियों ने एनआईसीडीसी की स्मार्ट सिटी परियोजनाओं और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म में खासी रुचि दिखाई और औद्योगिक स्मार्ट सिटी विकास कार्यक्रम के तहत भूमि की उपलब्धता, निवेश सुविधा और सहयोग के अवसरों के बारे में भी जानकारी प्राप्त की।

औद्योगिक ढ़ांचा विकास के लिए भारत सरकार के अग्रणी कार्यक्रम के रूप में, एनआईसीडीसी दिल्ली-मुंबई, चेन्नई-बेंगलुरु, अमृतसर-कोलकाता, पूर्वी तट और अन्य औद्योगिक गलियारों के तहत अगली पीढ़ी के ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों का लगातार विकास कर रही है। उन्नत अवसंरचना और डिजिटल नवाचार के ज़रिए, एनआईसीडीसी भारत को उद्योग 5.0 की ओर अग्रसर कर रहा है, जिसकी विशेषता स्थिरता, प्रौद्योगिकी एकीकरण और समावेशी विकास है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के अंतर्गत, राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास निगम लिमिटेड (एनआईसीडीसी) को विश्वस्तरीय ग्रीनफील्ड औद्योगिक स्मार्ट शहरों का विकास करने का ज़िम्मा सौंपा गया है, जो विनिर्माण प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएँगे, निवेश आकर्षित करेंगे और रोज़गार सृजन करेंगे। एनआईसीडीसी भारत के औद्योगिक और लॉजिस्टिक्स क्षेत्र में बदलाव लाते हुए, कई शहर परियोजनाओं और यूएलआईपी, एलडीबी और आईआईएलबी जैसी डिजिटल पहलों को भी लागू कर रहा है।

 

 

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