बारासात, (पश्चिम बंगाल), 28 मई (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों पर 2010 के बाद जारी किये गये सभी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) प्रमाणपत्रों को रद्द करने को लेकर आक्षेप लगाने पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा।
श्री मोदी ने बशीरहाट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार रेखा पात्रा और उत्तर 24 परगना की बारासात सीट से स्वपन मजूमदार के लिए चुनाव प्रचार करते हुए कहा, “मुझे आश्चर्य है कि बंगाल की मुख्यमंत्री को क्या हुआ है और अब मुझे विश्वास है कि वह न्यायाधीशों के खिलाफ गुंडों को खड़ा कर देंगी।” उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने उनकी सरकार द्वारा वितरित सभी ओबीसी प्रमाणपत्र रद्द कर दिए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी सरकार ने सत्ता का दुरुपयोग किया और ओबीसी मानदंडों के वास्तविक हितधारकों को वंचित किया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि मुसलमानों के लगभग 77 संप्रदायों को ऐसे ओबीसी प्रमाणपत्र दिये गये और सरकार ने अपने ‘वोटर जिहादी’ खुश करने के लिए जानबूझकर संवैधानिक प्रावधान का उल्लंघन किया।
श्री मोदी ने कहा, “टीएमसी और इंडिया समूह को आपके विकास से कोई लेना-देना नहीं है। उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता अपने वोटर को खुश करना है। देश में संविधान-संविधान, तानाशाही-तानाशाही चिल्लाने वाले लोगों के समूह, पश्चिम बंगाल में क्या हो रहा है, बस यहां आयें और देखें , आप अवाक रह जाएंगे। अदालत ने बंगाल में टीएमसी द्वारा ओबीसी के साथ किये गये विश्वासघात का खुलासा किया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कहा है कि 77 मुस्लिम जातियों को ओबीसी घोषित करना गैरकानूनी है। टीएमसी ने वोट जिहाद के लोगों की मदद के लिए संविधान द्वारा लाखों ओबीसी युवाओं को दिये गये अधिकार को रातोरात छीन लिया।
उन्होंने कहा, “न्यायालय के इस फैसले के बाद टीएमसी मुख्यमंत्री क्या कह रही हैं? मुझे आश्चर्य है कि यहां न्यायाधीशों की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं, न्याय व्यवस्था और न्यायपालिका पर सवाल उठ रहे हैं। अब क्या न्यायाधीशों के पीछे भी गुंडों को छोड़ोगे? पूरा देश देख रहा है कि कैसे टीएमसी बंगाल में न्यायपालिका का गला घोंट रही है।”
उन्होंने कहा, “यह वास्तविक ओबीसी लोगों के साथ एक बड़ा धोखा है क्योंकि इंडिया समूह और टीएमसी दलितों तथा अनुसूचित जाति (एससी) को वंचित करने के लिए एकजुट हैं।” उन्होंने कहा कि पिछले 70 वर्षों में कांग्रेस, वामपंथी और अब टीएमसी बंगाल के लोगों का शोषण कर रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे कम्युनिस्टों को वोट न दें, जो अंततः टीएमसी के पास जायेगा क्योंकि उसने इंडिया समूह की जीत की स्थिति में दिल्ली में समर्थन की घोषणा की थी।
श्री मोदी ने बंगाल में साधु संत समाज पर हमला करने और एक टीएमसी विधायक की ओर से सभी हिंदुओं को भागीरथी नदी में डुबाने की धमकी देने के बावजूद अपने वोट बैंक को खुश करने के लिए ममता बनर्जी सरकार की आलोचना की।