आखरी सिरे तक पहुँचे नहर का पानी

जल संसाधन विभाग को संभागायुक्त के निर्देश
संभाग में चल रही सिंचाई परियोजनाओं की समीक्षा

इंदौर: संभागायुक्त दीपक सिंह ने जल संसाधन विभाग को निर्देश दिए हैं कि यह सुनिश्चित करें कि नहरों से पानी अंतिम सिरे तक पहुँचे. अंतिम छोर के खेतों में भी पानी मिलना चाहिए. श्री सिंह ने कृषि, उद्यानिकी, जल संसाधन और नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के साथ-साथ कृषि विश्वविद्यालय की एक संयुक्त बैठक रखने के निर्देश भी दिए, ताकि सिंचाई के पानी का बेहतर उपयोग संभव हो सके.

संभागायुक्त ने कहा कि अध्ययन में यह पाया गया है कि खेतों में खुली नालियों से सिंचाई का पानी पहुँचने पर अपव्यय भी होता है, जबकि स्पि्रंक्लर से बेहतर सिंचाई संभव होती है. शासन की मंशा भी मोर क्रॉप वन ड्रॉप की है. इसके लिए जल संसाधन विभाग एक नीति और योजना बनाकर कार्य करें. बैठक में उपायुक्त राजस्व जानकी यादव, मुख्य अभियंता नर्मदा ताप्ती कछार इंदौर श्री देवड़ा सहित संभाग के सभी ज़िलों से आये कार्यपालन यंत्री उपस्थित थे.

तीन वृहद परियोजनाओं से 162 गांव लाभान्वित
बैठक में मुख्य अभियंता ने बताया कि संभाग में नर्मदा ताप्ती कछार के अंतर्गत तीन वृहद परियोजनाएं पूर्ण है. इनमें माही परियोजना का मुख्य बाँध एवं उपबांध झाबुआ ज़िले में स्थित है तथा भगवंत सागर परियोजना खंडवा ज़िले में बनी है. इन तीनों परियोजनाओं से 41 हजार 527 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है. साथ ही यहां के 162 गांवों के किसान लाभान्वित होते हैं.

113 लघु परियोजनाएं निर्माणाधीन
बैठक में बताया गया कि संभाग में पाँच मध्यम परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं और इनका कार्य चल रहा हैं. इनमें धार ज़िले में बरखेड़ा और कारम परियोजना, खंडवा ज़िले में भाम, बुरहानपुर ज़िले में भावसा परियोजना और पांगरी परियोजना शामिल हैं. इनके बनने के बाद 41 हजार 550 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी. संभाग में 61 लघु सिंचाई परियोजनाएं भी निर्माणाधीन हैं, जिनका कार्य अभी प्रगति में है. इनकी कुल लागत 37 हजार 238 लाख रुपये हैं और इनसे कुल 21 हजार 428 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होगी. संभाग में 113 लघु परियोजनाएं निर्माणाधीन है जिनके बनने से 36 हजार 850 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव होगी.

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