25 मई से शुरू हो जाएगा नौतपा, 9 दिन कम रहेगी चंद्रमा की शीतलता सूर्य देव 25 मई को रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे

नवभारत न्यूज़
नीमच। सूर्य देव 25 मई को प्रात: 3 बजकर 15 मिनिट पर रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। इसके बाद नौ दिन का नौतपा प्रारंभ होगा। रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्रदेव हैं, सूर्य के तेज प्रभाव से नौतपा के 9 दिन चंद्रमा की शीतलता कम रहती है।
पंडित शैलेन्द्र उपाध्याय ने बताया कि सूर्य देव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते ही नौतपा प्रारंभ हो जाता है। सूर्य ज्येष्ठ माह में 15 दिन के लिए रोहिणी नक्षत्र में आते हैं। जिसमें 9 दिन नौतपा रहता है। रोहिणी नक्षत्र में आते ही पृथ्वी का तापमान बढ़ जाता है। वृष राशि में सूर्य के आने से बड़े प्रशासनिक फैसले हो सकते हैं। बैंकिंग सेक्टर से जुड़े लोगों के काम में बदलाव हो सकता है। नई केंद्रीय सरकार के आने से कई बदलाव के योग बन रहे हैं। राजनीतिक पार्टियों में विरोधाभास भी बढ़ेगा। सांप्रदायिक व हिंसक घटना भी घट सकती है। महंगाई बढ़ सकती है। बीमारियां बढ़ सकती हैं। गर्मी भी अधिक बढ़ सकती है। इन 9 दिनों की अवधि में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी काफी कम हो जाएगी। इस कारण सूर्यदेव की तपिश काफी ज्यादा महसूस होगी।
यह आवश्यक नहीं हैं कि नौतपा में अधिक गर्मी हो। आद्र्रा के 9 नक्षत्रों तक जो सबसे अधिक गर्मी प्राप्त करता हैं, बाद में सूर्य उस नक्षत्र में 15 दिनों तक रहता हैं और अच्छी वर्षा होती हैं। नौतपा में तेज हवा के साथ बवंडर और बारिश की संभावना रहती है।
इन दिनों में होगी भीषण गर्मी
25 मई शुक्रवार को तडक़े सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और इसी के साथ शुरू होगा तपनकाल अर्थात नौतपा। रोहिणी नक्षत्र के स्वामी चंद्र देव हैं। नौतपा के दौरान सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में जाने से चंद्र देव की शीतलता पर असर पड़ता है। नौतपा के दौरान सूर्य देव के प्रभाव की वजह से चंद्रमा का प्रभाव कम हो जाता है। इसी को नौतपा कहा जाता है। नौतपा के दौरान आग लगने की घटनाएं अधिक हो जाती हैं।
सूर्य की रोशनी अधिक होने की वजह से विषाणुओं का अंत होने लगता है। सूर्य की पूजा करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार मई के आखिरी सप्ताह में सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी सबसे कम होती है इसलिए इस दिन भीषण गर्मी होगी।
इन दिनों में ऐसे करें दान पुण्य
नौतपा के दौरान सूर्य देव की आराधना करना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। नौतपा के दौरान सुबह-सुबह उगते सूर्य को अघ्र्य देने से घर के लोग स्वस्थ रहते हैं। इस दौरान जरुरतमंदों को गर्मी से बचाव की चीजों का दान देना चाहिए। सूर्य पूजा से घर-परिवार के लोग सेहतमंद रहते हैं और घर में खुशहाली आती है। कोशिश करें इस दौरान घर के बाहर या सडक़ों पर प्याऊ लगवाएं, गर्मी में प्यासे को पानी पिलाना ही सबसे बड़ा पुण्य कार्य है।
इस बार शनि की वक्री चाल के कारण तपेगा नौतपा
नौतपा के दौरान धरती पर सूर्य की किरणें सीधे लंबी पड़ती हैं। इस कारण तापमान अधिक बढ़ जाता हैं। यदि नौतपा के सभी दिन पूरे रहे, तो यह अच्छी बारिश का संकेत होता हैं। सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में आने का प्रभाव ज्योतिष गणना के अनुसार शनि की वक्री चाल के चलते नौतपा खूब तपेगा। हालांकि नौतपा के आखिरी दो दिनों के भीतर आंधी तूफान व बारिश होने की संभावना रहेगी।

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