किसानों को आधुनिक व लाभप्रद खेती से जोड़ें

कृषि उपज मंडियों को हाईटेक एवं कैशलेस करें
कृषि उत्पादन आयुक्त ने अधिकारियों को दिये गये निर्देश

इंदौर: कृषि तथा इससे जुड़े क्षेत्रों में इंदौर संभाग प्रदेश में बेहतर उदाहरण है. इस उपलब्धि को और आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि अधिक से अधिक किसानों को परम्परागत खेती की बजाय आधुनिक एवं लाभप्रद खेती से जोड़ा जाये. संभाग की कृषि उपज मंडियों को हाईटेक एवं कैशलेस बनाया जाये. थाई अमरूद, ड्रेगन फ्रूट, स्ट्राबेरी सहित अन्य लाभप्रद फलों का रकबा बढ़ाया जाये.यह निर्देश कृषि उत्पादन आयुक्त श्री एस.एन. मिश्रा की अध्यक्षता में आज सम्पन्न हुई कृषि तथा इससे जुड़े विभागों की संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में दिये गये। इस बैठक में गत रबी सीजन की उपलब्धि तथा आगामी खरीफ सीजन की तैयारियों की समीक्षा की गयी. बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि अशोक वर्णवाल, संभागायुक्त दीपक सिंह, कलेक्टर इंदौर आशीष सिंह, संचालक उद्यानिकी शशिभूषण सिंह, अपर आयुक्त सहकारिता मनोज सरियाम, संभाग के जिलों के कलेक्टर्स, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों सहित विभागीय अधिकारी मौजूद थे.

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त श्री एस.एन. मिश्रा ने निर्देश दिये कि इंदौर संभाग में उच्च मूल्य वाली फसलों को बढ़ावा दिया जाये. हर किसान को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो. बीजों में गुणात्मक सुधार किया जाये। कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा दिया जाये। आसान रूप से शून्य प्रतिशत ब्याज दर पर फसल ऋण उपलब्ध करवाए. हर किसान का फसल बीमा भी करवाएं। किसानों को आधुनिक तकनीक से जोड़े. परम्परागत खेती के बदले आधुनिक खेती पर जोर देवें. उन्होंने कहा कि मौसम की जानकारी पता करने के लिये नई एवं उच्च तकनीक आ गयी है। इस तकनीक से किसानों को जोड़ा जाये। संभाग में बीजों की नई किस्म को प्रोत्साहित किया जाये. उन्होंने कहा कि कृषि उपज मंडियों को हाईटेक बनाया जाये। मंडियों का बेहतर प्रबंधन हो।

उर्वरकों का संतुलित उपयोग करने के लिए जागरूक करें
बैठक में निर्देश दिये गये कि खाद, बीज, कीटनाशक दवाओं का पूर्व से आंकलन कर पर्याप्त भंडारण कर लिया जाये. इसका सुलभ वितरण भी किसानों की मांग के अनुसार समय पर हो. बैठक में कहा गया कि खाद/उर्वरकों का संतुलित उपयोग करने के लिए किसानों को जागरूक किया जाये. मृदा परीक्षण भी अधिक से अधिक करवाने के लिए किसानों को प्रेरित किया जाये. ड्रिप और स्पि्रंकलर सिंचाई के लिए किसानों को तैयार करें
नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगाएं
अपर मुख्य सचिव श्री वर्णवाल ने कहा कि नरवाई जलाने पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाये. नरवाई के प्रबंधन पर विशेष ध्यान देवें। किसानों को नरवाई जलाने के नुकसान बताये जाये। नरवाई के उचित प्रबंधन के फायदे बताये जाये. कलेक्टर इंदौर आशीष सिंह सहित संभाग के जिलों के कलेक्टरों ने कम लागत में अधिक उत्पादन लेने, किसानों की आमदनी बढ़ाने, उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए किये जा रहे नवाचारों की जानकारी दी

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