प्राचार्य के जाति प्रमाण पत्र की जांच कर लें अंतिम निर्णय

हाईकोर्ट ने उच्च स्तरीय छानबीन समिति को दिये निर्देश

जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट ने उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति को निर्देशित किया है कि वह हर हाल में स्कूल प्राचार्य के जाति प्रमाण पत्र की प्रामाणिकता की जांच कर अंतिम निर्णय लें। जस्टिस जीएस आहलूवालिया की एकलपीठ ने इसके साथ ही निर्देशित किया है कि जांच निर्णय की एक कापी याचिकाकर्ता को भी दें। एकलपीठ ने इसके लिये चार सप्ताह की मोहलत दी है।

यह मामला जबलपुर निवासी सेमसन विलियम की ओर से दायर किया गया है। जिसमें आरोप है कि शासकीय स्कूल में पदस्थ प्राचार्य डॉरेल विलियम पॉल ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र से नौकरी हासिल की है। याचिकाकर्ता ने इस संबंध में 2013 में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट के निर्देश पर याचिकाकर्ता ने 3 मार्च 2014 को उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति को जाति प्रमाण पत्र की जांच करने अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था। न्यायालय को बताया गया कि शिकायत पिछले कई सालों से लंबित है। समिति ने अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है, इसलिए दोबारा हाईकोर्ट की शरण ली गई है। सुनवाई पश्चात् न्यायालय ने उक्त निर्देश दिये।

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