गर्मी के चलते उल्टी-दस्त व हीट स्ट्रोक के मरीज पहुंच रहे अस्पताल …
नीमच। इन दिनों गर्मी की तपन ने जिला अस्पताल में ओपीडी की संख्या बढ़ा दी है। ज्यादातर उल्टी-दस्त व हीट स्ट्रोक के मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे है। ऐसे में कागजों में शुरू हो चुका क्यू मैनेजमेंट सिस्टम धरातल पर लागू नहीं होने से भी मरीजों को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। घंटों कतार में खड़े रहने के बाद मरीज डॉक्टर के कैबिन तक पहुंच पा रहे है। गर्मी से अलग मरीजों व उनके परिवारों की हालात खराब है। सबसे पहले मरीजों को घंटों लाइन में खड़े रहकर ओपीडी पर्ची कटवानी पड़ती है। इसके बाद इलाज के लिए डॉक्टर के कैबिन के बाहर फिर से घंटों इंतजार करना पड़ता है।
तापमान बढऩे के कारण जिले में डिहाइड्रेशन सहित विभिन्न संक्रामक रोग फैल रहे है। इसके साथ ही अधिकांश मरीजों में उल्टी-दस्त व हीट स्ट्रोक से पीडि़त मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे है। इसके अलावा वायरल बुखार भी तेजी से फैल रहा है। सरकारी अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों की ओपीडी में भीड़ बढ़ रही है। बीते 15 दिनों में मौसम में हुए कई बदलावों के कारण अस्पताल की ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हो रही है।
सुबह व शाम के निर्धारित समय को छोडकऱ इमरजेंसी में भी लगातार मरीज पहुंच रहे है। इनमें अकस्मात चक्कर आना, जी मचलाना, उल्टी तथा सांस संबंधी मरीज रोजाना इमरजेंसी में पहुंच रहे है। इसके अलावा लूज मोशन तथा स्किन की परेशानी के मरीज भी बढ़े हैं। डॉक्टर की माने तो मौसम में तेजी से हो रहे बदलावों का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। अस्पताल में पहले की अपेक्षा 35 फीसदी तक मरीजों की संख्या बढ़ गई है।
पहले 200, अब 400 से ज्यादा ओपीडी
जिला अस्पताल की जिस ओपीडी की संख्या प्रतिदिन में 150 से 200 रहती थी, वह अब बढकऱ 350 से 400 तक पहुंच गई है। मौसम में हुए बदलाव की वजह से विभिन्न मौसमी बीमारियों को लेकर ओपीडी में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। इनमें वायरल से पीडि़त मरीज भी शामिल है।
जिला अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीज
जिले के अधिकांश निजी अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या बढ़ रही है, लेकिन सबसे ज्यादा मरीज जिला अस्पताल पहुंच रहे है। इनमें महिला व बच्चा की संख्या ज्यादा है। मेडिकल वार्ड फूल है।
ऐसे करें बचाव –
जिला अस्पताल के डॉक्टरों कि माने तो मौसम में एकाएक गरम होने पर लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। इन दिनों पेट की बीमारियों, बुखार और डिहाइड्रेशन की सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है। तेज गर्मी होने के कारण पसीना ज्यादा आ रहा है लेकिन लोग जरूरत के अनुसार पानी नहीं पी रहे हैं। फिलहाल खुद को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी है और प्रयास करें कि तेज धूप के दौरान ज्यादा देर तक धूप में खड़े न रहें।
कम पानी पीने से डिहाइड्रेशन हो सकता है –
प्रतिदिन 3 लीटर पानी जरूर पीएं। हाइड्रेटेड रहने का सबसे आसान नियम है पानी पीना है। एक व्यस्क को प्रतिदिन 2-3 लीटर पानी पीने की सलाह एक्सपर्ट भी देते हैं। गर्मी में अधिक पसीना आने से डिहाइड्रेशन की समस्या होती है। जब आप पानी पीते हैं, तो इस समस्या से बचाव होता है। शरीर को सभी मेटाबॉलिक प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए पानी की जरूरत होती है, ऐसे में कम पानी पीने से आपको डिहाइड्रेशन हो सकता है। इससे आप बेहोश भी हो सकते है। तरल पदार्थ का सेवन अधिक करे। रसदार और पानी से भरपूर फलों को शामिल करें। नींबू पानी या फिर किसी भी फल का जूस पीकर ही घर से बाहर निकलें। अपने साथ एक पानी की बोतल भी रखे। ध्यान रखें सर्द.गर्म से बचने के लिए कभी भी बाहर से आकर फ्रिज का ठंडा पानी या जूस ना पिएं। इससे आपको सर्दी जुकाम, खांसी, गला खराब हो सकता है। डिब्बा बंद जूस ना पिएं। घर का बना ताजा जूस ही पिए। – डॉ, महेंद्र पाटिल, सिविल सर्जन।