नयी दिल्ली, 14 मई (वार्ता) गूगल आर्ट एंड कल्चर प्लेटफार्म ने केद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के सहयोग से ज्वार बाजारे पर एक डिजिटल प्रदर्शनी लगायी है।
मंगलवार को प्रारंभ की गयी इस प्रदर्शनी का शीर्षक है- मिलेट्स; सीड्स ऑफ चेंज (परिवर्तन के बीच; ज्वार-बाजारा)। पौष्टिक तत्वों से भरपूर ज्वार-बाजरे की खेती जलवायु परिवर्तन के दौर में अंतर्राष्ट्रीय महत्व की है क्यों कि यह शुष्क क्षेत्रों में भी पैदा किए जा सकते हैं। भारत विश्व में मिलेट का सबसे बड़ा उत्पादक है।
इस डिजिटल प्रदर्शनी में इन प्राचीन अनाजों के इतिहास पर प्रकाश डाला गया है जो आज आधुनिक सुपरफूड के रूप में प्रस्तुत किए जा रहे हैं। प्रदर्शनी में इनके पोषण संबंधी लाभ, जलवायु परिवर्तन से निपटने में इनके महत्व, और वैश्विक खाद्य सुरक्षा चुनौतियों का समाधान करने की इनकी क्षमता को दर्शाया गया है।
यहां कृषि भवन में प्रदर्शनी का शुभारंभ करते हुए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के सचिव मनोज आहूजा ने कहा,“भारत की अगुवाई में संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष घोषित किया था। हमने अपनी कृषि पद्धतियों और अनुभवों को दुनिया के साथ साझा करने के उद्देश्य से यह पहल की थी। हमें जी20 शिखर सम्मेलन में – ‘श्री अन्ना’- के प्रति दिखी रुचि से बहुत खुशी हुई। इसमें भारत के छोटे किसानों के लिए लाभ सहित बहु आयामी संभावनाए निहित हैं।”
श्री आहूजा ने इस प्रदर्शनी के लिए सभी को धन्यवाद दिया।
गूगल आर्ट्स एंड कल्चर के निदेशक अमित सूद ने कहा,“हमें भारत कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के साथ काम करने पर गर्व है। श्री अन्न की यह प्रदर्शनी एक प्राचीन विश्व के एक ऐसे प्रमुख उदाहरण का उत्सव है जो आज की दुनिया में परिवर्तनकारी प्रभाव डालने में सक्षम है। ज्वार-बाजारा के बहु आयामी लाभ हैं और यह स्वस्थ विकास की चुनौतियाँ को देखते हुए ऐेसे अनाजों की खेती एक बार फिर से अपनी जगह स्थापित कर रही है।”
गूगल आर्ट्स एंड कल्चर का कहना है कि यह प्रदर्शनी बाजरा की कई बड़ी शक्तियों पर प्रकाश डालती है। इसमें ज्वार-बाजरे की विविध किस्मों, उनकी खेती के तरीकों को भोजन में उनके उपयोग और प्रशिद्ध पाक-कला विशेषज्ञों द्वारा इनसे तैयार विविध प्रकार के स्वादिष्ठ व्यंजनों और उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है। इस प्रदर्शनी में आगंतुकों के लिए क्विज़ और क्रॉसवर्ड जैसे ज्ञानवर्धक खेल भी रखे गए हैं।