सिंगरौली विस्थापन मंच की बैठक में बसाहट को लेकर हुई विस्तृत चर्चा, एनसीएल प्रबंधन अपनी स्थित स्पष्ट करें
सिंगरौली: एनसीएल सिंगरौली के आगामी विस्थापन को लेकर मामला जोर पकडऩे लगा है। सिंगरौली विस्थापन मंच भविष्य को देखते हुये रणनीति बनाना शुरू कर दिया है। वही एनसीएल प्रबंधन व जिला प्रशासन के ढुलमुल रवैया को लेकर एनसीएल मुख्यालय दफ्तर एवं बसाहट की स्थिति स्पष्ट नही हो पा रही है।जानकारी के अनुसार इसी सिलसिले में सिंगरौली विस्थापन मंच की बैठक अग्रवाल धर्मशाला में आयोजित की गई। जिसमें एनसीएल प्रबंधन से हुई चर्चा के संबंध में अवगत कराते हुए बताया गया कि एनसीएल प्रबंधन जल्द ही विस्थापन नीति से अवगत करा देगा कि विस्थापन किस तरह से और कैसे होगी। विस्थापन मंच द्वारा अब तक किये गये प्रयासों को भी उपस्थित जनों को अवगत कराया गया।
विस्थापन मंच के वीरेन्द्र गोयल ने बताया कि सीएमडी का कहना था कि भलुगढ़ में एक स्थान पर बसाहट होने से अच्छी तरह विकसित किया जा सकता है। एनसीएल मुख्यालय जहां बने उसी के आसपास लोगों को विस्थापन मंजूर है। जिसके लिए बैढऩ में 4-5 टुकड़ों में अलग-अलग स्थानों पर शासकीय जमीन का आकड़ा दिया गया है । उनका कहना था कि जहां एनसीएल मुख्यालय बने उसी के आसपास बसाहट होनी चाहिए। यदि भलुगढ़ में बसाहट करनी हो तो वही पास में कनई में शासकीय आराजी है। जहां पर एनसीएल मुख्यालय बनाया जाय। यदि बैढऩ में मुख्यालय बनाया जाता है तो बैढऩ में ही बसाहट कराया जाय। विस्थापन मंच ने यह भी मुद्दा उठाया है कि भूमि स्वामी यदि भूमि नही प्राप्त करता है तो उस स्थित में एनसीएल प्रबंधन अपना रूख स्पष्ट करें। वही बताया गया कि अलग-अलग वार्डो में बसाहट होने पर भी किसी एक वार्ड का रेट निर्धारित कर सभी वार्डो के मुल्य के निर्धारण में एक रूपता होना चाहिए।
एनसीएल सीएमडी की विस्थापन के प्रति सकरात्मक सोच होने से विस्थापन अच्छा होने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में कलेक्टर के साथ जल्द ही चर्चा करने के उपरांत कोई निर्णय निकलकर आने की संभावना व्यक्त की जा रही है। बैठक में अब तक किये गये प्रयासों की समीक्षा, आज तक की प्रगति, भविष्य की योजनाओं की रूपरेखा तैयार करने के साथ-साथ बसाहट स्थल भूमि, मकानों, परिसंपत्तियों का अधिक आर्थिक लाभ अर्जित करने के उपाय के संबंध में चर्चा की गई। इस मौके पर सिंगरौली विकास मंच के अध्यक्ष दधिलाल सिंह, ललित श्रीवास्तव, मनोज कुलश्रेष्ठ, मास्टर कृष्ण कुमार जायसवाल, प्रदीप गुप्ता सहित करीब आधा सैकड़ा लोग मौजूद रहे।
जिले में होगा सिंगरौली का सबसे बड़ा विस्थापन
सिंगरौली के मोरवा इलाका विस्थापन का सबसे बड़ा दंश झेलेगा। आगामी पॉच से दस वर्ष के बीच में जिले का सबसे बड़ा विस्थापन होने वाला है। करीब 30 हजार लोग इस विस्थापन से प्रभावित होंगे। जानकारी के अनुसार आगामी वर्षों में एनसीएल से विस्थापित होने वाले परिवारजनों को एक जगह बसाहट बनाकर बसाना एनसीएल के लिए इतना आसान नही होगा। अभी बसाहट के लिए जमीन की तलाश की जा रही है। एनसीएल प्रबंधन के द्वारा भूमियों को चिन्हित कर बसाहट की बात करता है। सिंगरौली विकास मंच एक स्वर से विरोध कराना शुरू कर दे रहे हैं। उनकी यही मांग है कि जहां पर एनसीएल मुख्यालय का दफ्तर बने उसी के आसपास बसाहट भी हो। सिंगरौली विकास मंच ने अवगत भी करा दिया है कि एनसीएल का दफ्तर एवं बसाहट का फासला ज्यादा न हो नही तो सिंगरौली विकास मंच इसका पूरजोर विरोध करेगा। फिलहाल जैसे-जैसे विस्थापन संबंधित कार्रवाइयां आगे बढ़ रही है। उसी गति से सिंगरौली विकास मंच भी अपनी आगामी रणनीति बैठको के माध्यमों से तय करने लगा है।