गुना: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह को पार्टी से छह वर्षों के लिए निष्कासित कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा यह निर्णय पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। इस बाबत अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के सदस्य सचिव तारिक अनवर ने औपचारिक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है। लक्ष्मण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं और लंबे समय से अपने बयानों को लेकर पार्टी के भीतर और बाहर चर्चा में बने रहते थे। वे अकसर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व, विशेष रूप से राहुल गांधी और प्रदेश नेतृत्व की नीतियों पर सार्वजनिक रूप से सवाल उठाते रहे हैं। पार्टी के भीतर इस तरह की बयानबाजी को अनुशासनहीनता मानते हुए उनके खिलाफ यह कठोर निर्णय लिया गया।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और योगदान
लक्ष्मण सिंह का मध्य प्रदेश की राजनीति में खासा योगदान रहा है। वे राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद रह चुके हैं, जबकि चांचौड़ा विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे हैं। उन्होंने न केवल पार्टी संगठन में विभिन्न पदों पर काम किया बल्कि कई बार विपक्ष की भूमिका में भी कांग्रेस का पक्ष मजबूती से रखा। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों से उनका रुख पार्टी के खिलाफ रहा है।
वे कांग्रेस की रणनीतियों, उम्मीदवार चयन प्रक्रिया और नेतृत्व के निर्णयों पर खुलकर बयान देते रहे। कई बार उन्होंने सोशल मीडिया और मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाए, जिससे पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा। इसके पूर्व भी श्री सिंह 2003 में कांग्रेस को छोडक़र भाजपा का दामन थाम चुके थे। 2008 में उन्होंने भाजपा के निकट से राजगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ा। लेकिन तत्समय कांग्रेस के साधारण कार्यकर्ता नारायण सिंह आमलावे ने उन्हें शिकस्त दे दी थी। जिसके बाद तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडक़री के साथ बयानों को लेकर तनातनी के बाद उन्होंने भाजपा छोडक़र वापस कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। इस दौरान 2018 में कांग्रेस से चांचौड़ा के विधायक भी रहे। लेकिन 2023 में त्रिकोणीय मुकाबले में वह हार गए। उसकेबाद वह अक्सर बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं।
कांग्रेस ने दिखाया सख्त रुख
डीएसी (डिसिप्लिनरी एक्शन कमेटी) के सदस्य सचिव तारिक अनवर द्वारा जारी प्रेस नोट में स्पष्ट किया गया है कि यह कार्रवाई पार्टी के अनुशासन और निष्ठा के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए आवश्यक थी। कांग्रेस अध्यक्ष ने इस मामले में बिना किसी देरी के सीधा निष्कासन का आदेश जारी कर दिया।
राजनीतिक हलकों में हलचल
लक्ष्मण सिंह की निष्कासन की खबर ने मध्य प्रदेश की सियासत में हलचल मचा दी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब वे आगे क्या राजनीतिक निर्णय लेंगे। कुछ सूत्रों के अनुसार, वे आगामी समय में किसी अन्य दल में शामिल हो सकते हैं या फिर स्वतंत्र रूप से राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय रह सकते हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस का यह कदम साफ संकेत देता है कि पार्टी अब अनुशासनहीनता और सार्वजनिक आलोचना को कतई बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है, भले ही वह किसी वरिष्ठ नेता से जुड़ी हो।
