ग्वालियर: नारी के सशक्त हुए बिना भारत समर्थ नहीं बन सकता है। परिवार की धुरी नारी ही होती है। इसलिए अपने बच्चों का पालन पोषण माता सीता की तरह करें। जिस धनुष को महाबली रावण नहीं उठा पाया था उसे उन्होंने एक हाथ से उठाकर दूसरी जगह रख दिया था। यही नहीं विपत्ति में भी उन्होंने अपने परिवार और राष्ट्र का साथ दिया। परिवार को कलंक से बचाने के लिए वन में रहीं और लव-कुश को संस्कार के साथ हर विधा में सक्षम बनाया। इसलिए सीता, सावित्री और दमयंती, गार्गी और पुण्य श्लोक अहिल्याबाई जैसी नारियों को अपना आदर्श बनाएं।
यह बात विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी के ग्वालियर विभाग संचालक अजय शर्मा ने शुक्रवार को राष्ट्रोत्थान न्यास भवन के तराणेकर सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य वक्ता की आसंदी से कही। महिला समन्वय ग्वालियर विभाग द्वारा अहिल्याबाई होल्कर त्रिशताब्दी जयंती के उपलक्ष्य में समर्थ नारी समर्थ भारत विषय पर आयोजित कार्यक्रम की मुख्य अतिथि मप्र की सूचना आयुक्त डॉ.वंदना गांधी थीं।
अध्यक्षता रतन ज्योति नेत्रालय की निदेशक डॉ.प्रियवंदा भसीन ने की। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ग्वालियर विभाग के संघचालक प्रहलाद सबनानी एवं ग्वालियर विभाग की महिला समन्वयक संयोजिका मनीषा शर्मा भी मंचासीन रहीं। मुख्य वक्ता शर्मा ने आह्वान करते हुए कहा कि नारी शक्ति को शारीरिक और मानसिक रूप से योग्य बनाएं। उन्होंने माता सीता के हरण का उल्लेख करते हुए कहा कि साधु के सामने भी सचेत होकर जाना चाहिए।
