बुक डिपो की जांच पड़ी ठंडी

नामचीन किताब दुकानों पर प्रशासन की अब नहीं नजर

जबलपुर: निजी स्कूलों द्वारा बाध्य की गई दुकानों से किताब,कॉपी और यूनिफॉर्म खरीदने वाले दुकानों के ऊपर जिला प्रशासन ने शिकंजा कस कार्रवाई की थी। जिस पर दुकान संचालकों द्वारा स्कूलों में बाध्य की गई किताबों का विक्रय किया जा रहा था। इसके साथ ही फर्जी आईएसबीएन नंबर की किताबें भी कुछ दुकानों में पाई गई थी। जिस पर जांच करके आगे की कार्रवाई होनी थी। परंतु अब यह कार्यवाही पूरी तरह से ठंडी पड़ती भी नजर आ रही है और देखा जा रहा है कि अब इन डिपो और दुकानों पर प्रशासन की नजर नहीं पड़ रही है। वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में फीस वृद्धि मामले को लेकर जिला प्रशासन की कार्यवाही और सुनवाई चल रही है। जिसके कारण अब जो फर्जी रूप से किताबों का विक्रय किया जा रहा था। वह दुकान संचालक बेखौफ होकर फिर से अपना व्यापार कर रहे हैं।
फर्जी नंबर से   विक्रय
शहर में जिला प्रशासन के निर्देश पर एसडीएम और तहसीलदारों की टीम ने पांच बड़ी दुकानों से किताबें जब्त की थी। इन दुकानों की पुस्तकों में आईएसबीएन नंबर नहीं था, जबकि जिन किताबों में यह मिला था, वह फर्जी निकला या डुप्लीकेट निकला था। जिससे उन पुस्तकों को कीमत भी मनमाने ढंग से तय की गई थी, जिसको मनमाने तौर पर बेचकर मुनाफा कमाया जा रहा था।  जिसको लेकर इन दुकान संचालकों के खिलाफ जांच की गई थी। साथ ही प्रकाशकों को शिक्षा विभाग से संपर्क कर नोटिस भेजे गए थे कि उन्होंने किस आधार पर किताबों का प्रकाशन किया।
जांच पूरी, कार्रवाई नहीं
जिला प्रशासन ने शिकायतों के माध्यम से दुकानदारों और स्कूल संचालकों के बीच चल रहे इस कमीशनखोरी के धंधे में जांच तो शुरू की गई थी। जांच के बाद जो साक्ष्य सामने आएंगे उस पर संबंधित निजी स्कूल से पूछताछ करके उनका भी पक्ष रखा जाना था। दुकानों और स्कूल के प्रबंधकों के ऊपर संपूर्ण जांच होने के बाद उसका प्रतिवेदन बनाकर जिला कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किया जाना था। इसके अलावा बुक सेलर और प्रकाशक के बीच की मोनोपोली के संबंध में सभी जांच की रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपने के बाद आगे की कार्यवाही होनी थी पर अब ना ही इनकी जांच सामने आ रही है और ना ही कोई कार्यवाही इन बुक डिपो के संचालकों के ऊपर हो रही है।
इन दुकानों पर हुई थी जांच  
निजी स्कूलों द्वारा जिन दुकानदारों को बाध्य करके अभिभावकों को किताबें बेची जा रही थी, वहीं इन दुकान संचालकों के पास फर्जी आईएसबीएन नंबर की किताबें पाई गई थी। जिसमें गोरखपुर स्थित संगम बुक डिपो,उखरी तिराहा पर न्यू राधिका बुक पैलेस, नौदरापुल पर चिल्ड्रन बुक डिपो तथा गोलबाजार स्थित राधिका बुक डिपो पर प्रशासन की टीम ने छापा मारा था। जांच के दौरान कई दुकान संचालकों पर स्कूलों की किताबों के सेट बने रखे हुए थे। जिसमें अभिभावकों को उन्हीं बाध्य दुकानों से खरीदना पड़ता था। वहीं राधिका बुक पैलेस की संस्थानों में फर्जी आईएसबीएन नंबरों की किताबें पाई गई थी। जांच में लगभग 25 हजार किताबों की जब्त भी किया गया था। परंतु इस जब्ती और जांच के बाद अब तक इन दुकान संचालकों पर कोई भी सख्त कार्यवाही नहीं हुई है और धड़ल्ले से वह अपनी दुकान संचालित कर रहे हैं।
इनका कहना है  
सबसे पहले स्कूलों में जांच करके यह देखा जायेगा कि कितने संचालकों द्वारा कौन सी किताबें लागू की थी और उनमें से कितनी नकली पाई गई हैं। आईएसबीएन नंबरों से लेकर अन्य बिन्दुओं पर जांच कर रहे है जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।
घनश्याम सोनी, जिला शिक्षा अधिकारी

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