जबलपुर:रांझी आमानाला में चार अप्रैल को कुएं में शक्ति शाली हेंडग्रेनेड और बमों और कारतूस के खोखे मिलने से सनसनी फैल गई थी। मामले में सेना, बम स्क्वॉड समेत सुरक्षा जांच एजेंसियों के साथ खुफिया जांच एजेंसियां तक सक्रिय हुई लेकिन अब तक कुएं के राजदार से पर्दा नहीं उठ सका है। विस्फोट सामग्री कहां से आई किसने कुएं में लाकर रखी। इसके पीछे किस-किस की मिलीभगत है समेत अन्य सवालों का अब तक जवाब किसी के पास नहीं है।
मामले में पुलिस की जांच रहवासियों, सफाई कर्मचारियों समेत अन्य के बयान दर्ज करने तक ही सीमित रही। सूत्रों की माने तो अगर पुलिस मामले को गंभीरता से लेती और जांच पड़ताल करती तो शायद अब तक इसका पता लगाया जा सकता था कि कुएं में विस्फोटक सामग्री किसने रखी थी। मामले में सीसीटीव्ही फुटेज भी अहम भूमिका निभाते ये विस्फोटक सामग्री कुएं में कैसे और कब पहुंची समेत अन्य राज से पर्दा उठ सकता था लेकिन सीसीटीव्ही फुुटेज से भी पुलिस को कोई सुराग नहीं लग सके।
गोदामों में मिल चुके ऐसे ही बम, खोखे
विदित हो कि पिछले साल 25 अप्रैल को खजरी खिरिया बायपास स्थित शमीम कबाड़ी के कबाड गोदाम में हुआ था जहां से भी शक्तिशाली बम के खोखो का जखीरा बरामद हुआ था इस हादसे में दो कर्मचारियों के चीथडे उड़ गए थे। इसके अलावा अधारताल में पिछले साल 18 जुलाई को एक गोदाम हुआ था जहां से भी विस्फोट सामग्री के खोखे मिले थे। इस हादसे में एक कर्मचारी की मौत हुई थी।
इनका कहना है
पुलिस मामले की जंाच कर रही है फिलहाल बम किसके द्वारा कुएं में रखा गया था इसका पता नहीं चल सका है पुलिस और ओएफके मामले की विस्तृत जांच कर रही है।
संतोष कुमार साहू, सीएसपी, रांझी