सनातन और आधुनिकता में समन्वय का दायित्व युवा पीढ़ी पर

डा. हेडगेवार स्मारक समिति के व्याख्यान चिंतन यज्ञ में बोले विचारक श्री प्रफुल्ल केतकर

इंदौर: भारत की मूल व्यवस्थाओं का अध्ययन करते हुए उसकी समकालीन सोच विकसित करने की आज आवश्यकता है। हम यदि ऐसा नहीं करते है, तो सनातन का आधुनिक आविष्कार नहीं मिलेगा. सनातन और आधुनिकता के बीच समन्वय करने का दायित्व हमेशा से ही युवा पीढ़ी पर रहा है. आज भी यह दायित्व युवाओं पर ही है. भारत का युवा सनातन को लेकर संवेदनशील है. युवाओं में ऊर्जा है, सनातन के प्रति आस्था है, आधुनिकता में विजयी होने की मंशा है, केवल युवाओं को सही दिशा चाहिये और यह दिशा मंथन और चिंतन से ही आएगी.

उक्त विचार विचारक प्रफुल्ल केतकर ने आज शनिवार को डा. हेडगेवार स्मारक समिति द्वारा आयोजित व्याख्यान-चिंतन यज्ञ में व्यक्त किये. आनंद मोहन माथुर सभागृह में आयोजित कार्यक्रम में आप युवा और भविष्य का भारत विषय पर सम्बोधित कर रहे थे. आपने कहा कि स्वाधीनता संग्राम में भी युवाओं ने चिंतन यज्ञ किया था और इसी चिंतन का परिणाम आजादी थी. भारत के हित में सनातन और आधुनिकता के बीच समन्वय के लिये युवाओं को आगे आना होगा.

रामजन्म भूमि आंदोलन हो या राम मंदिर के पुननिर्माण का समय या फिर महाकुम्भ, भारत के युवाओं का चिंतन सभी ने देखा है. भारत का युवा आज खुद को सनातन से जोड़कर रखना चाहता है. वह गुलामी की मानसिकता से मुक्त होना चाहता है. इसके लिये जरूरी है कि सनातन मूल्यों के आधार पर तप किया जाए. यज्ञ की पूर्व शर्त ही तप है. तप हमेशा व्यक्तिगत होता है और यज्ञ सामूहिक. भारत के हर व्यक्ति को विशेषकर युवाओं को तप का विषय तय करना होगा. उस विषय पर लगातार काम करते हुए चिंतन करना होगा, मनन करना होगा, स्वाध्याय करना होगा। तप के बाद यज्ञ की ओर जाना होगा.

हर नागरिक देश का निर्माता
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त सेना अधिकारी कर्नल वीके सैनी ने कहा कि भारत के भविष्य के निर्माण में सबसे बड़ी भूमिका भारत के युवाओं की है. सेना में काम करने वाले तो केवल देश की सुरक्षा करते है, लेकिन भारत का हर नागरिक इसके निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यदि आप देश का भविष्य बनाना चाहते है तो आप जिस भी काम को करते है, उस देश हित की दृष्टि से करें. सेना के माध्यम से देश की सेवा की सीमा है, लेकिन एक नागरिक के पास अपने देश की सेवा की कोई सीमा नहीं है. हर नागरिक देश का निर्माता है, जो अपने आप में बड़ी जिम्मेदारी है. हर बड़े परिवर्तन में युवाओं की महती भूमिका रही है और आज भी देश में परिवर्तन की आवश्यकता है, जिसका दायित्व युवाओं पर है. कार्यक्रम की अध्यक्षता सेवानिवृत्त पुलिस उपमहानिरीक्षक धर्मेंद्र चौधरी की.

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