भोपाल: मध्य प्रदेश के रीवा जिले में स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। संजय गांधी मेडिकल कॉलेज में पीएसए एनेस्थेसिया का इंजेक्शन लगने के बाद पांच महिलाओं की याददाश्त चली गई है। चौंकाने वाली बात यह है कि यह इंजेक्शन गुजरात की एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी रेडियंट पार्टरल्स लिमिटेड द्वारा सप्लाई किया गया था।
इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रदेश कांग्रेस कमेटी मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक ने कहा कि यह अत्यंत शर्मनाक और निंदनीय है कि एक काली सूची में दर्ज कंपनी को ठेका दिया गया, जिसके घटिया इंजेक्शन से मरीजों की जान खतरे में पड़ गई।नायक ने रीवा के विधायक और उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग उन्हीं के अधीन है और उनके अपने क्षेत्र में इस प्रकार की लापरवाही उनकी नाकामी को स्पष्ट रूप से दर्शाती है।
उन्होंने दमोह में हाल ही में हुए फर्जी डॉक्टर के ऑपरेशन से आठ लोगों की मौत के मामले का जिक्र करते हुए कहा कि रीवा की इस घटना ने सरकार की लापरवाही की पोल खोल दी है।कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले में कोई सख्ती नहीं बरती और न ही आपूर्ति की निगरानी की गई और न ही ठेका देने से पहले कंपनी की पृष्ठभूमि की जांच की गई। उन्होंने इसे मरीजों की जान से खुला खिलवाड़ बताया और मांग की कि उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला को नैतिकता के आधार पर तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। यदि वे कुर्सी का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो मुख्यमंत्री को उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त करना चाहिए।
मुकेश नायक ने सरकार से इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश की जनता अब अपनी जानमाल की चिंता को लेकर बेहद चिंतित है। उन्होंने कहा कि सरकार बड़े-बड़े दावे तो करती है, लेकिन वास्तविकता में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं। दमोह और रीवा की घटनाएं इस बात का प्रमाण हैं कि सरकार जनता को सही उपचार देने में पूरी तरह विफल हो चुकी है। कांग्रेस ने इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे, दोषियों पर सख्त कार्रवाई और भविष्य में ऐसी लापरवाही को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की है।