फर्जी डिग्री पर चिकित्सा अधिकारी बन मरीजों का इलाज करता रहा झोलाछाप डॉक्टर

कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने दर्ज की‌ एफआईआर
जबलपुर: फर्जी डिग्री के आधार पर जिला अस्पताल में चिकित्सा अधिकारी बनकर मरीजों का इलाज करने वाले झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कोर्ट के आदेश पर सिविल लाइन पुलिस ने धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली है।जानकारी के मुताबिक ‌शैलेंद्र बारी पिता स्व. गणेश बारी (48) निवासी छुई मोहल्ला बेलबाग ने न्यायालय पलक श्रीवास्तव न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ् जबलपुर के न्यायालय में 25 सितंबर 2023 को परिवाद लगाया था कि शुभम अवस्थी ने रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर की फर्जी आयुर्वेद स्नातक डिग्री (बीएएमएस) के आधार पर जिला अस्पताल में चिकित्सक पद हासिल किया था।‌

अवस्थी ने दस्तावेजों में यह झूठा उल्लेख किया कि उसने शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय जबलपुर से पढ़ाई की है‌ इस फर्जी डिग्री के आधार पर शुभम अवस्थी ने मध्य प्रदेश आयुर्वेद एवं यूनानी चिकित्सा पद्धति बोर्ड भोपाल से रजिस्ट्रेशन नंबर 56970 प्राप्त किया, जबकि यह पंजीयन असल में डॉ. इरम जहां मंसूरी के नाम पर दर्ज है।‌ इस मामले की शिकायत सिविल लाइन थाने में की गई थी, लेकिन डेढ़ साल से अधिक समय बीतने के बाद भी पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ शैलेन्द्र बारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की‌।‌

हाईकोर्ट ने जिला अदालत को आदेश दिया कि परिवाद पर 60 दिनों के भीतर निर्णय लिया जाए।‌ ‌पूरे मामले में कोर्ट का कहना है कि प्रस्तुत प्रकरण गंभीर प्रकृति का है और इसमें उल्लेखित धाराएं संज्ञेय अपराधों की श्रेणी में आती हैं ऐसे में आरोपी के खिलाफ उचित जांच और विवेचना किया जाना आवश्यक है। मामले में धारा 420 – धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करना, आपराधिक षड्यंत्र, मप्र आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम और मप्र चिकित्सा शिक्षा अधिनियम के तहत एफआइआर दर्ज कर जांच प्रतिवेदन कोर्ट में प्रस्तुत करने आदेश दिए थे।

एक साल तक मरीजों की जान से खिलवाड़
झोलाछापडॉक्टर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सीएमएचओ को गुमराह कर नौकरी हासिल करने के साथ सैलरी भी लेता रहा। उसने एक साल तक मरीजों का इलाज भी किया।‌ मरीजों की जान के साथ खिलवाड़ किया झोलाछाप डॉक्टर होने के बाद भी वह अपने नाम के आगे डॉक्टर लिखता रहा।शुभम अवस्थी पिता राजकुमार अवस्थी 28 साल निवासी सिविल लाईन फर्जी डिग्री के आधार पर चिकित्सालय में चिकित्सा अधिकारी के पद पर नियुक्ति कराया जिसने बी. ए. एमएस की फर्जी मार्कसीट व रानी दुर्गावती विश्व विद्यालय की फर्जी डिग्री बनाकर म.प्र आयुर्वेद काउंसिल को धोखा देकर पंजियन कराया।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जबलपुर को कूट रचित फर्जी डिग्री पेश कर आयुष चिकित्सक के पद को हासिल किया। अल्टनेटिव सिस्टम आफ मेडिसिन के स्तानतोत्तर कूटरचित डिग्री बन कर स्वयं के नाम से क्लिनिक संचालन किया। न्यायालय द्वारा आदेश देने पर अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। झोलाछाप डॉक्टर भाजपा कार्यकर्ता भी है।

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