इंदौर। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच इंदौर क्राइम ब्रांच को एक बड़ी सफलता मिली है। ऑनलाइन ठगी की शिकार एक महिला की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ गैंग से जुड़े छतरपुर जिले के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी टेलीग्राम ऐप के माध्यम से इस गैंग से जुड़े थे और पैसों के लालच में अपने बैंक खाते ठगों को मुहैया करा रहे थे।
महिला से 4.89 लाख की ठगी, ‘फेड-एक्स अधिकारी’ बनकर रचाया जाल इंदौर निवासी महिला के पास 9 नवंबर 2024 को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को फेड-एक्स का अधिकारी बताते हुए कहा कि महिला के नाम से एक पार्सल मुंबई से ईरान भेजा गया है, जिसमें पासपोर्ट, लैपटॉप और मादक पदार्थ (MDMA) पाए गए हैं। इसके बाद आरोपी ने महिला को विश्वास में लेकर कहा कि उसका आधार कार्ड उस पार्सल से लिंक मिला है और कोई उसके दस्तावेजों का गलत इस्तेमाल कर रहा है। डर और भ्रम की स्थिति में महिला को मुंबई साइबर सेल से वीडियो कॉल पर बात कराई गई। वीडियो कॉल पर खुद को अधिकारी बताते हुए ठगों ने महिला से आधार कार्ड, बैंक खाता और लोन की जानकारी ली और फिर पीसीसी सर्टिफिकेट के बहाने 4,89,658 रुपये ट्रांसफर करवा लिए। पैसे ट्रांसफर होते ही ठगों ने कॉल काट दी और फिर संपर्क नहीं किया। मामले की जांच करते हुए इंदौर क्राइम ब्रांच की स्पेशल टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर छतरपुर के तीन युवकों को गिरफ्तार किया, जिनमें नरेंद्र कुमार अहिरवार (21 वर्ष) ओर अनिकेत पटेल (20 वर्ष) के साथ ओमनारायण अहिरवार (19 वर्ष) है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कॉलेज में पढ़ाई के साथ-साथ जल्दी पैसे कमाने के लालच में उन्होंने अपने और दूसरों के बैंक खाते ठगों को मुहैया कराए। ओमनारायण के जरिए टेलीग्राम पर दिल्ली स्थित गैंग से संपर्क हुआ, और खातों को 30 से 40 हजार रुपये में बेचा गया। पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे देशभर में फैले डिजिटल अरेस्ट ठग गिरोह का हिस्सा हैं। इंदौर पुलिस ने तीनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।