भारत और श्रीलंका ने रक्षा सहयोग पर सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए

कोलंबो 05 अप्रैल (वार्ता) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायका के बीच कोलंबो में शनिवार को द्विपक्षीय वार्ता के बाद दोनों देशों ने रक्षा सहयोग पर अपने पहले सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के साथ ही त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के साथ त्रिपक्षीय समझौते पर भी हस्ताक्षर किये हैं।

डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका के रक्षा सचिव संपत थुयाकोंथा ने कहा कि सहमति पत्र के तहत की जाने वाली कोई भी सहयोग गतिविधि अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुसार होगी और श्रीलंका अथवा भारत के घरेलू कानूनों और राष्ट्रीय नीतियों के साथ संघर्ष नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि श्रीलंका और भारत के बीच दशकों से सौहार्दपूर्ण रक्षा संबंध हैं तथा दोनों देश रक्षा वार्ता, संयुक्त सैन्य और नौसैनिक अभ्यास, प्रशिक्षण और कार्यशालाओं में हिस्सा लेते हैं। भारत हर साल श्रीलंका के लगभग 750 सैन्य कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करता है। उन्होंने जोर दिया कि भारत-श्रीलंका रक्षा साझेदारी श्रीलंका के लिए अमूल्य संपत्ति रही है और आगे भी रहेगी।

उन्होंने कहा कि 2023 में आयोजित रक्षा वार्ता के दौरान दोनों पक्षों ने रक्षा सहयोग पर रक्षा संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की थी ताकि रक्षा साझेदारी और जुड़ाव को और अधिक कुशलतापूर्वक और संरचित तरीके से जारी रखा जा सके। इस एमओयू की सावधानीपूर्वक जांच और समीक्षा की गयी। एमओयू पर हस्ताक्षर से पहले मंत्रिपरिषद की मंजूरी विधिवत प्राप्त की गयी थी।

उन्होंने कहा , “समझौता ज्ञापन के तहत सहयोग गतिविधियों को अंजाम देते समय पक्षकार अपने राष्ट्रीय और सैन्य कानूनों और विनियमों तथा संयुक्त राष्ट्र चार्टर के प्रासंगिक सिद्धांतों और उद्देश्यों का सम्मान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिसमें राज्यों की संप्रभु समानता, क्षेत्रीय अखंडता तथा पक्षों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप न करना शामिल है। समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने से रक्षा संबंधों के लिए ठोस आधार प्रदान किया गया है जिसके माध्यम से तीनों सेनाओं के अधिकारियों का आदान-प्रदान, प्रशिक्षण, सेनाओं के बीच स्टाफ वार्ता, सूचना का आदान-प्रदान, रक्षा उद्योग में सहयोग, तथा प्रासंगिक बौद्धिक संपदा अधिकारों को सुनिश्चित करने के उपायों के साथ रक्षा प्रौद्योगिकी और अनुसंधान के क्षेत्र में पेशेवर तरीके से सहयोग किया जाएगा। यह समझौता ज्ञापन पांच वर्षों के लिए लागू रहेगा जिसमें पक्षों को तीन महीने की अग्रिम सूचना के साथ समझौते को समाप्त करने और उसके बाद तीन वर्षों तक जारी रखने का अधिकार सुरक्षित रहेगा बशर्ते कि प्रगति की समीक्षा की जाए और यदि ऐसा करना हो तो इसी तरह की पूर्व सूचना के साथ इसे समाप्त किया जाये।”

श्री मोदी और श्री दिसानायके ने भारत द्वारा शुरू की जा रही सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना की आधारशिला रखने के लिए पट्टिकाओं का वर्चुअल अनावरण किया। इसके अलावा दांबुला में तापमान नियंत्रित गोदाम और देश भर में 5,000 धार्मिक संस्थानों में छतों पर सौर पैनल लगाने का भी उद्घाटन किया।

 

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