मुंबई 04 अप्रैल (वार्ता) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापक टैरिफ घोषणा से वैश्विक मंदी आने की आशंका से विश्व बाजार में जारी गिरावट से घबराए निवेशकों की स्थानीय स्तर पर हुई चौतरफा बिकवाली से आज शेयर बाजार में भूचाल आ गया।
बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 930.67 अंक अर्थात 1.22 प्रतिशत का गोता लगाकर करीब दाे सप्ताह के निचले स्तर और 76 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर के नीचे 75,364.69 अंक पर आ गया। इसी तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 345.65 अंक यानी 1.49 प्रतिशत लुढ़ककर 23 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 22904.45 अंक पर बंद हुआ।
वहीं, बीएसई की दिग्गज कंपनियों के मुकाबले मझौली और छोटी कंपनियों के शेयरों में अधिक बिकवाली हुई। इससे मिडकैप 3.08 प्रतिशत की गिरावट लेकर 40,508.53 अंक और स्मॉलकैप 3.43 प्रतिशत कमजोर रहकर 45,867.17 अंक रह गया। इस दौरान बीएसई में कुल 4076 कंपनियों के शेयरों में कारोबार हुआ, जिनमें से 2820 में गिरावट जबकि 1126 में तेजी रही वहीं 130 में कोई बदलाव नहीं हुआ। इसी तरह एनएसई में 2947 कंपनियों में कारोबार हुआ। इनमें से 2230 में बिकवाली जबकि 646 में लिवाली हुई वहीं 71 में टिकाव रहा।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्यापार नीतियों और चीन, यूरोपीय संघ सहित अन्य देशों द्वारा संभावित प्रतिशोधी टैरिफ के कारण वैश्विक बाजारों में भारी अनिश्चितता का माहौल बन गया है। इस व्यापार युद्ध के कारण बाजार में असमंजस और अस्थिरता की स्थिति और लंबी खिंचने की संभावना है। वैश्विक व्यापार में कमी और आर्थिक वृद्धि में गिरावट इस माहौल में लगभग अनिवार्य हैं। यह गिरावट भारत की विकास दर को भी प्रभावित कर सकती है, भले ही भारत अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर सकता है।
निवेशकों को सलाह है कि वे फिलहाल स्थिति के स्थिर होने का इंतजार करें। इस दौरान घरेलू खपत आधारित क्षेत्रों और फार्मा जैसे सेगमेंट पर ध्यान केंद्रित करना बेहतर रहेगा, जो वैश्विक व्यापारिक झटकों से अपेक्षाकृत सुरक्षित हैं। हालांकि, भारतीय बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत यह है कि डॉलर की कमजोरी के कारण विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) फिर से खरीददारी की ओर लौट सकते हैं। विशेष रूप से वित्तीय क्षेत्र, दूरसंचार, आतिथ्य, स्वास्थ्य सेवा, सीमेंट और डिजिटल प्लेटफार्म शेयरों जैसे क्षेत्र, जो टैरिफ के प्रभाव से अछूते हैं, मजबूती बनाए रख सकते हैं।
बीएसई के सभी 21 समूहों का रुख नकारात्मक रहा। इससे धातु 6.34, तेल एवं गैस 3.89, कैपिटल गुड्स 3.99, कमोडिटीज 3.89, इंडस्ट्रियल्स 3.89, ऊर्जा 3.65, रियल्टी 3.61, फोकस्ड आईटी 3.58, आईटी 3.55, हेल्थकेयर 3.20, पावर 2.90, ऑटो 2.71, सीडी 2.64, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स 2.64, टेक 2.59, यूटिलिटीज 2.51, सर्विसेज 2.28 दूरसंचार 1.21, एफएमसीजी 0.26, वित्तीय सेवाएं 0.40 और बैंकिंग समूह के शेयर 0.08 प्रतिशत टूट गए।
वैश्विक स्तर पर भी गिरावट का रुख रहा। इस दौरान ब्रिटेन का एफटीएसई 1.86, जर्मनी का डैक्स 2.46, जापान का निक्केई 2.75, हांगकांग का हैंगसेंग 1.52 और चीन का शंघाई कंपोजिट 0.24 प्रतिशत लुढ़क गया।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 135 अंक गिरकर 76,160.09 अंक पर खुला लेकिन लिवाली होने से थोड़ी देर बाद ही 76,258.12 अंक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वहीं, इसके बाद हुई बिकवाली से यह लगातार गिरता हुआ कारोबार के अंतिम चरण में 75,240.55 अंक के निचले स्तर तक लुढ़क गया। अंत में पिछले दिवस के 76,295.36 अंक के मुकाबले 1.22 अंक टूटकर 75,364.69 अंक पर रहा।
इसी तरह निफ्टी भी 60 अंक उतरकर 23,190.40 अंक पर खुला और सत्र के दौरान 23,214.70 अंक के उच्चतम जबकि 22,857.45 अंक के निचले स्तर पर रहा। अंत में पिछले सत्र के 23,250.10 अंक की तुलना में 1.49 प्रतिशत कमजोर रहकर 22,904.45 अंक पर आ गया।
इस दौरान सेंसेक्स की नुकसान उठाने वाली कंपनियों में टाटा स्टील 8.59, टाटा मोटर्स 6.15, एलटी 4.67, अडानी पोर्ट्स 4.38, इंडसइंड बैंक 3.83, रिलायंस 3.52, सन फार्मा 3.43, टेक महिंद्रा 3.43, एचसीएल टेक 3.09, टीसीएस 3.07, इंफोसिस 2.99, एनटीपीसी 2.23, पावरग्रिड 1.79, मारुति 1.72, एसबीआई 1.46, टाइटन 1.44, अल्ट्रासिम्को 1.01, बजाज फिनसर्व 0.41, महिंद्रा एंड महिंद्रा 0.25, भारती एयरटेल 0.22, जोमैटो 0.09, कोटक बैंक 0.04, हिंदुस्तान यूनिलीवर 0.03 और एक्सिस बैंक 0.02 प्रतिशत शामिल रही।
वहीं, बजाज फाइनेंस 1.43, एचडीएफसी बैंक 1.30, नेस्ले इंडिया 0.79, आईसीआईसीआई बैंक 0.38, एशियन पेंट 0.27 और आईटीसी के शेयर 0.06 प्रतिशत लाभ में रही।