कोल्हापुर 02 मई (वार्ता) मराठा क्षत्रप एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी-शरद पवार (राकांपा-शपा) सुप्रीमो शरद पवार पर उनके ही गृहक्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘भटकती आत्मा’ वाले तंज कसने के बाद श्री पवार ने गुरुवार को कहा कि श्री नरेंद्र मोदी के कारण प्रधानमंत्री के पद के सम्मान पर कलंक लगा है।
श्री पवार ने यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा “यह आश्चर्य की बात नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझे ‘भटकती आत्मा’ के रूप में संबोधित करते हैं, क्योंकि देश के प्रधानमंत्री पद की इतनी बदनामी पहले कभी नहीं हुई, जितनी उनकी (श्री मोदी) हुई है। मैंने पंडित जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी समेत सभी प्रधानमंत्रियों को अलग-अलग मौकों पर देखा और उनके भाषण को सुना है। लेकिन जब श्री मोदी ने ‘भटकती आत्मा’ शब्द का इस्तेमाल किया तो मुझे कोई आश्चर्य नहीं हुआ , क्योंकि प्रधानमंत्री का पद पहले कभी किसी अन्य प्रधानमंत्री द्वारा इतना अपमानित और कलंकित नहीं हुआ था।”
उन्होंने कहा “ श्री मोदी के भाषण तथ्यों पर आधारित नहीं थे। लोगों को जिन बुनियादी मुद्दों का सामना करना पड़ रहा है, उन पर बोलने के बजाय वह मनगढ़ंत मुद्दों से मतदाताओं का ध्यान भटकाते हैं। प्रधानमंत्री मुझ पर और उद्धव ठाकरे पर हमला करके संतुष्ट हैं।”
उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा अपनी रैलियों में बार-बार यह आरोप लगाकर सामाजिक तनाव पैदा करने का प्रयास करने के लिए आलोचना की कि अगर इंडिया समूह सत्ता में आया तो धर्म के आधार पर आरक्षण लायेगा। उन्होंने कहा, “धर्म के आधार पर आरक्षण देने की अवधारणा हमें (विपक्ष को) स्वीकार्य नहीं है और अगर श्री मोदी ऐसा आरक्षण देने की कोशिश करेंगे तो हम सभी इसका विरोध करेंगे।”
श्री मोदी की इस आलोचना पर कि अगर इंडिया समूह सत्तारुढ़ हुआ तो पांच साल में पांच प्रधानमंत्री होंगे, उन्होंने याद दिलाया कि 1977 में जब जयप्रकाश नारायण के आंदोलन के बाद कांग्रेस हार गयी थी, तब भी इसी तरह के सवाल उठाये गये थे लेकिन मोरारजी देसाई सभी विपक्षी नेताओं के विचार-विमर्श के बाद प्रधानमंत्री बने। उन्होंने कहा , “इंडिया समूह के लिए भी कोई समस्या नहीं होगी। हम गठबंधन के सभी दलों से चर्चा करने के बाद फैसला लेंगे। ‘प्रधानमंत्री कौन होगा’ का यह तथाकथित सवाल हमसे ज्यादा भाजपा नेताओं के दिमाग में है।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे श्री पवार ने चेतावनी दी कि अगर आम चुनाव के बाद अपेक्षित परिणाम नहीं आए तो भाजपा शिवसेना (शिंदे) और राकांपा (अजीत पवार) को अपना असली चेहरा दिखायेगी।
पहले दो चरणों के मतदान प्रतिशत को धीमी गति से घोषित करने के पीछे चुनाव आयोग की मंशा पर संदेह जताते हुए श्री पवार ने कहा कि राज्य में पांच चरण के मतदान की कोई आवश्यकता नहीं है लेकिन ऐसा किये जाने का उद्देश्य श्री मोदी को प्रचार के लिए अधिकाधिक समय देने के अलावा कुछ नहीं है।
गौरतलब है कि श्री मोदी ने सोमवार को श्री पवार का नाम लिए बिना उन पर यह कहते हुए निशाना साधा था कि महाराष्ट्र में एक ‘भटकती आत्मा’ है जो दूसरों के अच्छे काम को बर्बाद कर देती है।