गांव के हर विभाग में घालमेल देख महिला अफसर दंग

खण्डवा : तेज-तर्रार और नई कलेक्टर निकिता मंडलोई अचानक सहेजला गांव पहुंच गई। वहां का आलम देखा तो हर जगह अनियमितताएं मिलीं।
उन्होंने ग्राम पंचायत में पीएचई विभाग द्वारा दो वर्ष पूर्व से प्रगतिरत जेजीएम आज तक पंचायत को हस्तांतरित नही की गई है। ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि ओवरहेड टैंक नही भरा गया। अभी पंचायत में पूर्व से स्थित बोरवेल से सीधे पेयजल आपूर्ति की जा रही है।
रोड रेस्टोरेशन का कार्य तकनीकी रूप से गलत मिला। गुणवत्ता विहीन सामग्री उपयोग करने की वजह से जगह जगह पर रोड उखड़ी हुई मिली। अनेक जगह पर घरेलू कनेक्शन पाइप टूटे पाए गए। जिसे सुधारने के लिए उन्होंने ठेकेदार को निर्देश दिए। तीन दिन के भीतर ओवरहेड टैंक से पानी सप्लाई चालू करने के भी कहा।
सुश्री मण्डलोई ने सहेजला में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (आयुष्मान आरोग्य केंद्र) का भी निरीक्षण किया। डॉ.क्षितिज बजाज अनुपस्थित थे। वहां पदस्थ सुनील श्रीवास (ड्रेसर) एवं रीना पार्धी (नर्सिंग ऑफिसर) द्वारा लोगों को इलाज करते मिले। कर्मचारियों द्वारा बताया कि डॉ. क्षितिज माह में एक दो दिन ही उपस्थित होते हैं। जांच के दौरान देखा गया कि ओपीडी व आईपीडी का शुल्क क्रमश: 10 व 20 रूपए निर्धारित है, किंतु मरीजों से 50 रुपए शुल्क लिया जा रहा है, जिसकी कोई रसीद नही दी जा रही और न ही रजिस्टर में एंट्री की जा रही है।
ग्रामीणों की शिकायत के पश्चात डिप्टी कलेक्टर मण्डलोई ने आगनवाड़ी का भी निरीक्षण किया। जिसमें पाया कि बच्चों का रजिस्टर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा घर पर होना बताया गया। भौतिक निरीक्षण के दौरान लगभग 100 टी.एच.आर. पैकेट एक्सपायरी डेट के आंगनवाड़ी में पाए गए,जिसका इंद्राज स्टॉक रजिस्टर में भी नही पाया गया। आगनवाड़ी कार्यकर्ता द्वारा स्टॉक रजिस्टर संधारित करना भी नही पाया गया। इसके बाद डिप्टी कलेक्टर ने सीडीपीओ को संबंधित आगनवाड़ी कार्यकर्ता पर कार्यवाही करने के निर्देश दिए।

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