जीआरपी आरक्षक ने बहादुरी दिखाते हुए बालिका की जान बचाई
नव भारत न्यूज
इंदौर. रेल्वे स्टेशन पर चलती ट्रेन के नीचे फंसी एक बालिका का बचाने में अहम भूमिका निभाई. जिससे बालिका की जान बच गई. घटना अशोक नगर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नम्बर 1 की है. जीआरपी पुलिस की इस तत्पर्ता से युवती की न सिर्फ जान बची बल्कि उसे सुरक्षित आगे की यात्रा के लिए पहुंचाया .
रेलवे पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सोनी ने बताया कि घटना शुक्रवार की है, अशोकनगर के प्लेटफार्म नंबर 1 पर एक बड़ा हादसा टल गया, जब जीआरपी के आरक्षक गोविंद सिंह चौहान ने तत्परता दिखाते हुए एक 14 वर्षीय बालिका की जान बचा ली. बीना की रहने वाली 14 वर्षीय बालिका अपनी मां और दो भाइयों के साथ बीना से बारां की यात्रा कर रही थी. बीना-कोटा मेमो ट्रेन के अशोकनगर स्टेशन पर रुकने के दौरान वह कुछ खानी-पीने की सामग्री लेने के लिए प्लेटफार्म पर उतरी. ट्रेन के फिर से चलने पर वह जल्दी-जल्दी चढऩे लगी, लेकिन संतुलन खो बैठी और प्लेटफार्म व ट्रेन के बीच फंस गई. उस समय वहां ड्यूटी पर तैनात जीआरपी के आरक्षक गोविंद सिंह चौहान ने यह देख तुरंत साहस और सतर्कता दिखाते हुए बालिका को सुरक्षित प्लेटफार्म पर खींच लिया. उनकी सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से टल गया. घटना के बाद बालिका घबराई हुई थी, जिसे जीआरपी स्टाफ ने संभाला और परिजनों को उचित समझाइश दी. इस दौरान ट्रेन लगभग 10 मिनट तक प्लेटफार्म पर रुकी रही. जब बालिका ने आगे के सफर को जारी रखने की मंसा पुलिस को बताई तो उन्होंने उसे परिजनों के साथ आगे की यात्रा के लिए सकुशल पहुंचाया.
यात्रियों से अपील
रेलवे पुलिस यात्रियों से अपील करती है कि चलती ट्रेन में चढऩे-उतरने का प्रयास न करें. बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें. किसी भी आपात स्थिति में तुरंत जीआरपी को सूचित करें. रेलवे प्रशासन ने आरक्षक गोविंद सिंह चौहान की इस बहादुरी को सराहनीय कार्य बताते हुए उनकी प्रशंसा की है.