इंदौर: स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कई प्रोजेक्ट बनाए गए. इन पर करोड़ों रूपए भी खर्च किए गए लेकिन जब ज़मीनी हकीकत देखो तो नज़ारा ही कुछ और दिखाई देता है. अनियिमितताओं और लापरवाही के अभाव की भेंट चढ़कर इन प्रोजेक्ट की हालत ख़स्ता हाल हो चुकी है.प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी एमवाय अस्पताल परिसर में भी सुविधाओं को लेकर कुछ ऐसा ही दिखाई दिया है. एमवाय में अधिकांश बाहरी शहरों और कस्बों से मरीज आते हैं. उनके परिजनों के आराम करने और बैठने के लिए परिसर में ही उद्यान बनाया गया था लेकिन अनदेखी और लापरवाही के चलते इस उद्यान की बदहाल स्थिति में है.
बैठने की कुर्सियां टूट रही है. जगह-जगह गंदगी और कचरा फैला हुआ है. मच्छर मक्खियां भिनभिना रही है. हरियाली की बजाए यहां सूखी घास और सूख रहे पैढ़ पौधे ही है. यहां आराम करना तो दूर की बात कुछ पल बैठना भी मुश्किल है. मजबूरन लोगों के बाहर गंदगी से भरी सड़क किनारे ही बैठना पड़ता है. इसी परिसर में इस उद्यान के पास ही एक और उद्यान है. जहां ताला लगा रहता है. यहां किसी को अंदर जाने की अनुमति नहीं है क्योंकि यहां सुंदर कुर्सियां साफ-सफाई चारो और हरयाली है. अस्पलात प्रबंधन द्वारा यहां दोहरा व्यवहार किया जाता शर्मनाक बात है.
इनका कहना है
उद्यान और आसपास गंदगी फैली रहती है. स्मार्ट सिटी की बात करते हंै. सर्वेक्षण टीम को यहां का नज़ारा दिखाया होता. सिर्फ लीपापोती कर ऑवार्ड ले रहे है. शहरवासियों को धोखा दिया जात रहा है.
– कुलदीप एकवन
मरीज़ो के परिजनों को अंदर से बाहर किया जाता है लेकिन परिसर में कोई व्यवस्था नहीं है. जो उद्यान सुंदर है वहां ताला है जो खुला है वहां गंदगी से भरा पड़ा है. महापौर को संज्ञान लेना चाहिए.
– नवीन भाटिया
प्रोजेक्ट बनाया जाता है. करोड़ो खर्च किया जाता है. जिस पर बड़ा भ्रष्टाचार होता है क्योंकि सब को पता है कोई आवाज़ उठाने वाला नहीं है. परिसर में बदहाल पड़ा उद्यान इसका जीता जागता सबूत है.
– रवि शिकरे