जांच रिपोर्ट में नाम हटाने की एवज में मांगे थे 22 हजार 500
लोकायुक्त ने की बड़ी कार्रवाई
नव भारत न्यूज
इंदौर. लोकायुक्त पुलिस ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए धार जिले में एक प्रधान आरक्षक और उसके सहयोगी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है. आरोपी ने झूठे मामले में फंसाने के लिए 50 हजार की रिश्वत मांग थी. इस पर इंदौर लोकायुक्त की ट्रेप टीम ने कार्रवाई को अंजाम दिया.
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश सहाय ने बताया धार जिले की तहसील सरदारपुर स्थित ग्राम झिन्झापाड़ा में रहने वाले नानूराम ओसारी ने लोकायुक्त कार्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी, कि उसके विरुद्ध झूठे मामले में फंसाने के बदले 50 हजार रुपए रिश्वत मांगी जा रही है. जब टीम ने शिकायत का सत्यापन किया तो वह सही पाई गई, इस पर ट्रेप दल का गठन कर उक्त कार्रवाई को अंजाम दिया गया. आवेदक ने शिकायत की थी कि 14 मार्च 2025 को वह ग्राम बोला, तहसील सरदारपुर में भजन संध्या में शामिल होने गया था. उसी दिन उसके गांव में दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था, जिसमें भगवान सिंह भाभर की पत्नी छन्नुबाई ने राजोदा थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. इस रिपोर्ट में नानूराम व उसके परिवार के आठ सदस्यों का नाम झूठा जोड़ दिया गया था. इसी मामले में जांच अधिकारी प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार थे, जिसमें परमार ने नाम हटाने के बदले उक्त रिश्वत मांगी थी. इसी मामले में ट्रेप दल ने आज शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए प्रधान आरक्षक बनेसिंह परमार द्वारा रिश्वत की रकम लेने के लिए भेजे गए उनके सहयोगी भारत डामर को 22 हजार 500 रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया. मामले में आरोपी के खिलाफ जांच की जा रही रही है.
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