इंदौर:महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज में 2023 में स्थापित मध्य प्रदेश का पहला बोन बैंक सोमवार से दोबारा शुरू कर दिया गया. यह महत्वपूर्ण सुविधा पिछले 18 महीनों से बंद थी, लेकिन एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने तत्काल कार्रवाई कर इसे फिर से चालू करवाया.
डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने बताया कि बोन बैंक की मशीनों में तकनीकी खराबी आने के कारण यह सुविधा पिछले कई महिनों से बंद थी,यह मामला जब मेरे संज्ञान में आया, तो मैने तुरंत मशीनों की मरम्मत और नियमित रखरखाव का आदेश दिया.
महज दो घंटे के भीतर आवश्यक सुधार कार्य शुरू कर दिए गए, जिससे यह सुविधा पुन: चालू हो गई. बोन बैंक दुर्घटना संबंधी सर्जरी और संयुक्त प्रतिस्थापन से निकाली गई हड्डियों पर निर्भर करता है. इन हड्डियों को 80 डिग्री सेल्सियस पर संरक्षित किया जाता है, जिससे पहले इन्हें कीटाणुशोधन, डी-कैल्सीफिकेशन और संक्रामक रोग परीक्षण से गुजारा जाता है. इस सुविधा के पुनरुद्धार से गंभीर चोटों से जूझ रहे मरीजों और शोधकर्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी.
डीन डॉ. घनघोरिया ने स्पष्ट किया कि इस उन्नत सुविधा को अब किसी भी हाल में बंद नहीं होने दिया जाएगा. प्रशासनिक और तकनीकी समस्याओं का समाधान कर दिया गया है, और आगे भी इस सुविधा के सुचारू संचालन को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने कहा, मरीजों की सेवा हमारा सर्वोच्च लक्ष्य है. गरीबों को बेहतर इलाज मिले, इसके लिए हम निरंतर प्रयासरत रहेंगे.
चिकित्सा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि
एमजीएम मेडिकल कॉलेज का बोन बैंक प्रदेश में अस्थि संरक्षण और प्रत्यारोपण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके पुन: संचालन से मेडिकल कॉलेज की प्रतिष्ठा बढ़ी है और यह जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवनदायी सिद्ध होगा