53 प्रजातियों के वृक्ष के मामले में पेश करो स्टेटस रिपोर्ट

हाईकोर्ट ने दिये सरकार को निर्देश

जबलपुर। प्रदेश सरकार द्वारा 53 प्रजातियों के वृक्ष को कटाई एवं परिवहन के लिए अनुमति मुक्त किये जाने को हाईकोर्ट ने लार्जर बेंच ने असंवैधानिक करार दिया है। लार्जर बेंच के द्वारा पारित आदेश के क्रियान्वयन पर की गयी कार्यवाही के संबंध में हाईकोर्ट जस्टिस संजीव सचदेवा तथा जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के आदेषश जारी किये है। युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में निर्धारित की है।

गौरतलब है कि गढा जबलपुर निवासी विवेक कुमार शर्मा तथा एक अन्य की तरफ से दायर अलग-अलग याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार द्वारा सितम्बर 2015 में जारी अधिसूचना के माध्यम से वृक्षों की 53 प्रजातियों को हटाने के अलावा मध्य प्रदेश परिवहन (वनोपज) नियम, 2000 के नियम 4(2) का प्रावधान भी हटा दिया गया है। जिसके परिणाम स्वरूप निजी भूमि पर स्थित वृक्षों को काटने या परिवहन करने के लिए कोई अनुमति प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं है। लोग के द्वारा उपयोग के लिए अधिक वृक्षों को काटने से पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पडेगा। पर्यावरण संतुलन बिगड़ने से मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पडता है।

इस संबंध में दायर याचिका इंदौर खंडपीठ ने खारिज कर दी है।

वन क्षेत्र में आई कमी

लार्जर बैंच ने अपने आदेश में कहा है कि एक जलाशय दस कुंए के सामान होता है, दस जलाशय एक पुत्र के सामान होते हैं और दस पुत्र एक पेड के सामान होते है। लार्जर बैंच ने 2019 से 2023 तक की एफएसआई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश में वन क्षेत्र में 420 वर्ग किलोमीटर की शुद्ध कमी आई है। इस आंकड़े में अति सघन वन क्षेत्र में 363 वर्ग किलोमीटर की वृद्धि, तथा इसी अनुपात में लगभग 630 वर्ग किलोमीटर की भारी तथा तीव्र कमी और मध्यम सघन वन एवं खुले वन क्षेत्र में लगभग 104 वर्ग किलोमीटर की कमी शामिल है। जिससे शुद्ध आंकड़ा 420 वर्ग किलोमीटर हो जाता है।

पुष्पा का उल्लेख

लार्जर बेंच ने फिल्म पुष्पा का उल्लेख करते हुए कहा कि इसमें व्यापारियों व सिंडिकेट को उजागर किया है। तस्करों और व्यापारियों का सिंडिकेट इतना प्रभाव और दबदबा बनाने लगता है कि पुलिस ,वन विभाग, नीति निर्माताओं और अंतत: शासन का कोई भी हिस्सा अछूता नहीं रह जाता। कार्यपालिका ‘वन उपज’ के ऐसे विक्रेताओं के प्रभाव और दबदबे के आगे झुक जाती है। लकड़ी माफिया द्वारा लकड़ी बाजार में व्यापार के लिए हजारों की संख्या में पुराने हरे-भरे पेड़ों को अवैध रूप से काटा जा रहा है।

लार्जर बैंच ने अपने आदेश में कहा 10 दिनों की अवधि छूट प्राप्त प्रजातियों के वन उपज और लकड़ी के संबंध में ट्रांजिट पास के लिए अनिर्वाय रूप से आवेदन करें। ट्रांजिट पास के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों पर आगामी 30 दिनों तक कोई बलपूर्वक कार्यवाही नहीं की जाये। इस फैसले का प्रभावी हिस्सा का प्रकाशन राज्य के सभी संबंधित विभागों की आधिकारिक वेबसाइटों के होमपेज पर किए जाएंगे। इस आदेश के प्रचार प्रसार की व्यक्तिगत जिम्मेदारी संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव की होगी। लार्जर बेंच ने आदेश के परिपालन के लिए याचिका की सुनवाई युगलपीठ द्वारा किये जाने के निर्देश दिये थे। युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार को आदेश पालन में की गयी कार्यवाही के स्टेटस रिपोर्ट पेश करने निर्देश दिये। याचिकाकर्ता की तरफ से अधिवक्ता अंशुमान सिंह तथा एनएएचआई के तरफ से के सी पैठिया ने पैरवी की।

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