नयी दिल्ली 07 मार्च (वार्ता) भारत ने बंगलादेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई है तथा एक ऐसे स्थिर, शांतिपूर्ण, समावेशी और प्रगतिशील बंगलादेश के प्रति समर्थन एवं विकास सहयोग बढ़ाने की इच्छा का इज़हार किया है जिसमें हिंदुओं सहित सभी अल्पसंख्यकों के साथ-साथ उनकी संपत्तियों एवं धार्मिक संस्थानों की रक्षा और हिंसक उन्मादियों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित हो।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने आज यहां नियमित ब्रीफिंग में बंगलादेश के बारे में पूछे गये सवालों के जवाब में यह बात कही। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा, “हम एक स्थिर, शांतिपूर्ण, समावेशी और प्रगतिशील बंगलादेश का समर्थन करते हैं जिसमें सभी मुद्दों को लोकतांत्रिक तरीकों से और समावेशी और भागीदारी चुनाव आयोजित करके हल किया जाये। हम बिगड़ती कानून और व्यवस्था की स्थिति के बारे में चिंतित हैं, हिंसक चरमपंथियों की रिहाई से और अधिक बढ़ गए, जिन्हें गंभीर अपराधों के लिए सजा सुनाई गई थी।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा से जुड़े एक सवाल पर श्री जायसवाल ने कहा, “हमने बार-बार रेखांकित किया है कि बंगलादेश की अंतरिम सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के साथ-साथ उनकी संपत्तियों और धार्मिक संस्थानों की रक्षा करे। हालांकि, 5 अगस्त, 2024 से 16 फरवरी, 2025 तक 2374 से अधिक घटनाओं में से केवल 1254 घटनाओं की पुलिस द्वारा पुष्टि की गई है। इसके अलावा, इन 1254 घटनाओं में से 98 प्रतिशत घटनाओं को ‘प्रकृति में राजनीतिक’ माना गया था। हम उम्मीद करते हैं कि बंगलादेश इस तरह के बिना किसी भेदभाव के हत्याओं, आगजनी और हिंसा के सभी अपराधियों की पूरी तरह से जांच करेगा और न्याय के कटघरे में लाएगा।”
बंगलादेश के साथ विकास सहयोग के बारे में पूछे जाने पर प्रवक्ता ने कहा कि विकास सहयोग बंगलादेश के लोगों के साथ हमारे संबंधों का एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है। हाल की सुरक्षा स्थिति और लंबे समय से स्थानीय मुद्दों ने इनमें से कुछ परियोजनाओं के कार्यान्वयन की गति को प्रभावित किया है। इसलिए आधिकारिक चर्चाओं में परियोजना पोर्टफोलियो को तर्कसंगत बनाने और समयबद्ध तरीके से पारस्परिक रूप से सहमत परियोजनाओं को निष्पादित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। बंगलादेश की ओर से प्रतिबद्ध समर्थन और लंबित मंजूरी प्राप्त करने के अधीन, हम इन परियोजनाओं को आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।
गंगा जल संधि के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भारत और बंगलादेश के बीच गंगा जल संधि के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए गठित संयुक्त समिति की 86 वीं बैठक गुरुवार 6 मार्च को कोलकाता में आयोजित की गई थी। यह नियमित तकनीकी बैठक, जो साल में तीन बार होती है। यह वर्ष 1996 में हस्ताक्षरित संधि के कार्यान्वयन से जुड़े संस्थागत संरचित तंत्र का हिस्सा है। बैठक में दोनों पक्षों ने गंगा जल संधि, जल प्रवाह की माप और आपसी हित के अन्य मुद्दों से संबंधित तकनीकी मुद्दों पर चर्चा की।