लखनऊ, 05 मार्च,(वार्ता) उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद (उपकार) समृद्धि धन 2.0 पहल के तहत डायरेक्ट सीडेड राइस (डीएसआर) स्केल-अप प्लान 2025 पर कल यहां एक उच्च स्तरीय चर्चा की मेजबानी करने जा रहा है।
उपकार कार्यालय सभागार में आयोजित हो रहे इस चर्चा में विश्व बैंक, शिक्षाविदों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों (एसएयू), कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके), किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), निजी उद्योग और संबंधित संस्थानों के प्रतिनिधियों सहित प्रमुख हितधारक एक साथ आएंगे।
सहयोगात्मक प्रयासों के महत्व पर जोर देते हुए, उपकार के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह ने आज यहां यह घोषणा करते हुये कहा, “ उपकार उत्तर प्रदेश में टिकाऊ और जलवायु-लचीली कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। डायरेक्ट सीडेड राइस (डीएसआर) तकनीक कुशल जल प्रबंधन, कार्बन उत्सर्जन को कम करने और कृषि उत्पादकता में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। नीतिगत समर्थन, क्षमता निर्माण और तकनीकी नवाचारों के माध्यम से इस पहल को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाने के लिए सरकारी एजेंसियों, अनुसंधान संस्थानों और निजी भागीदारों को शामिल करते हुए एक एकीकृत दृष्टिकोण आवश्यक है। हम क्षेत्र में टिकाऊ चावल की खेती के भविष्य को आकार देने में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए नीति निर्माताओं और उद्योग प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों को आमंत्रित करते हैं।”
आयोजन के प्राथमिक उद्देश्यों में खरीफ 2024 डीएसआर कार्यान्वयन से सफलताओं और सबक की समीक्षा करना, आगामी सीज़न में डीएसआर को बढ़ाने के लिए रणनीतिक हस्तक्षेप पर चर्चा करना और एसएयू, केवीके, विस्तार नेटवर्क और निजी भागीदारों की भूमिकाओं को संरेखित करना शामिल है। इसके अतिरिक्त, चर्चा में प्रदर्शनों के माध्यम से सूक्ष्म सिंचाई, कार्बन क्रेडिट, बीमा और पुनर्योजी कृषि प्रथाओं जैसे दूरंदेशी दृष्टिकोणों का पता लगाया जाएगा। धान की खेती के बाद दलहन के क्षेत्र को बढ़ाने, विविध और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देने के लिए तंत्र की पहचान करना मुख्य फोकस होगा।