कर रहे खानापूर्ति
शहर के ज्यादातर मार्गों पर से सामान्य लाइनो के अलावा हाईटेंशन लाइन भी गुजरी है। कुछ पर पेड़ पौधे झूल रहे है तो कुछ की छटाई की जा चुकी है। पॉश इलाकों में जैसे ही तार से पेड़ों की टहनिया टच होती है वैसे ही विद्युत विभाग के ठेकेदार पेड़ों पर कुल्हाड़ी चला देते है। लेकिन इनका ध्यान अन्य इलाकों की ओर नहीं जा रहा है। सवाल यह है कि जब विभाग के सामने ही विद्युत लाइनों पर पेड़ पौधे झूल रहे है तो दूसरी जगहों का हाल कैसा होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है।
हरियाली को नुकसान
गौर करने वाली बात यह भी है कि हरियाली के आसपास से ही बिजली की लाइने क्यों निकाली जाती है? महानगरों की तर्ज पर इन लाइनों को अंडरग्राउंड क्यों नहीं किया जाता है। पेड़ पौधों के पास से निकली लाइनों के चक्कर में हरियाली को नुकसान पहुंच रहा है। हरियाली की देखभाल करने के बजाय विभाग को इसपर आरी चलवानी पड़ जाती है। एक अनुमान के अनुसार तकरीबन 200 से ज्यादा पौधे सड़क किनारे लगाए जाती है जो फैलकर बिजली लाइनो तक पहुंच जाते है।
इनका कहना है
विद्युत लाइनों से पेड़ पौधों को अलग किया जाता है। कई बार पशु पक्षियों के कारण भी लाइने क्षतिग्रस्त हो जाती हैं।
गुलाब सिंह राजपूत, जूनियर इंजीनियर, एमपीएसईबी