नई दिल्ली, (वार्ता) मेडिकैप्स विश्वविद्यालय ने दक्षिण कोरिया की वूसोंग विश्वविद्यालय और मलेशिया के आईएनटीआई विश्वविद्यालय के साथ साझेदारी कर एक नया स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रम शुरू किया है।
इस पहल के तहत कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग और मैनेजमेंट के पांच छात्र एक सेमेस्टर के लिए विदेश में पढ़ाई करेंगे। इसके साथ ही वे इंदौर के शहरी विकास से जुड़े मुद्दों पर शोध भी करेंगे। इस कार्यक्रम के लिए 26 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें से पांच छात्रों का चयन पांच महीने की कठोर प्रक्रिया के बाद किया गया। चयन प्रक्रिया में अकादमिक प्रदर्शन, स्टेटमेंट ऑफ पर्पस (एसओपी) और इंटरव्यू के आधार पर मूल्यांकन किया गया। चयन समिति में विभागाध्यक्ष, डीन और कुलपति शामिल थे, जिन्होंने ऐसे छात्रों का चयन किया, जो पढ़ाई में उत्कृष्ट हैं और शहरी विकास में योगदान देने की स्पष्ट सोच रखते हैं।
चयनित पांच छात्रों में वूसोंग विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की नैंसी श्रीवास्तव, वूसोंग विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के आयुष जोशी, आईएनटीआई विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की इरिफा खैशगी, आईएनटीआई विश्वविद्यालय के कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग की सकीना बोहरा और आईएनटीआई विश्वविद्यालय के मैनेजमेंट की वंशिका सोनी शामिल हैं।
इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने चयनित छात्रों के साथ एक इंटरएक्टिव सेशन किया, जिसमें उन्होंने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर चर्चा की। बातचीत में ट्रैफिक मैनेजमेंट, कचरा निपटान और शहरी विकास से जुड़ी अंतरराष्ट्रीय तकनीकों को इंदौर में लागू करने के तरीकों पर ध्यान दिया गया।
मेडिकैप्स यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. डी. के. पटनायक ने कहा, “यह कार्यक्रम छात्रों को विश्वस्तरीय शिक्षा का अनुभव देने और इंदौर के सतत विकास में योगदान देने का अवसर प्रदान करता है। छात्र नई तकनीकों को सीखकर इंदौर के लिए इनोवेटिव समाधान लेकर आएंगे। विश्वविद्यालय का उद्देश्य ऐसे वैश्विक नागरिक तैयार करना है, जो अपने समुदाय के लिए उपयोगी साबित हों।”