मलजल परियोजना का काम नहीं हुआ पूरा, अभी भी नालों से 24 घंटे गंदगी बहकर आ रही नदी में
शाजापुर, 24 फरवरी. विश्व बैंक द्वारा वित्तपोषित मल जल सीवरेज परियोजना का काम शुरू हुआ, तो कहा गया था कि चीलर नदी का उद्धार हो जाएगा, पूरी नदी में मिलने वाले गंदे नालों को हटा दिया जाएगा. इससे नदी साफ हो जाएगी. लंबे समय से सीवरेज परियोजना का काम बंद पड़ा हुआ है. बताया गया कि परियोजना का कार्य पूर्ण हो गया है, लेकिन वास्तविकता में अभी भी नदी में गंदे नालों से 24 घंटे गंदगी मिल रही है. इसके चलते नदी गंदगी से मुक्त नहीं हो पा रही है, देखना होगा कि चीलर नदी का उद्धार कब तक होगा.
उल्लेखनीय है कि नगर के बीच से निकली चीलर नदी को साफ करने के लिए लगभग प्रत्येक जनप्रतिनिधि ने वादा और दावा किया. नगर पालिका से लेकर लोकसभा तक सभी चुनाव में चीलर नदी की बात होती रही. इसके बाद अनेकों बार इसके सुधार के प्रयास होते हैं, लेकिन आज तक कोई भी नदी साफ नहीं कर पाया है. आज भी नदी की हालत किसी गंदे नाले की तरह ही है. नदी की सफाई के लिए पूर्व के वर्षों में अनेक बार प्रशासनिक स्तर पर प्रयास हुए, लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ.
सीवरेज परियोजना में भी बंद नहीं हुए बड़े नाले
करीब 78 करोड़ रुपए की मलजल परियोजना में दावा किया गया था इस योजना के बाद नगर के सभी छोटे बड़े नाले बंद हो जाएंगे. क्योंकि सभी जगह नालों के स्थान पर अंडरग्राउंड पाइप डाले जाएंगे. जिससे गंदगी की समस्या समाप्त हो जाएगी. इसके साथ ही परियोजना में यह भी कहा गया था कि इस परियोजना में चीलर नदी में नगरीय क्षेत्र में मिलने वाले सभी छोटे बड़े मिलाकर 18 नालों को बंद कर दिया जाएगा. इन नालों का पानी भी सीवरेज के पाइप से सीधे प्लांट तक पहुंचाया जाएगा, लेकिन आज भी नदी में ही नालों से गंदगी मिल रही है. ऐसे में सीवरेज परियोजना का दावा गलत साबित हो गया.
नया प्रोजेक्ट बनाया, लेकिन आगे नहीं बढ़ रहा काम
चीलर नदी के सौंदर्यीकरण के लिए नगर पालिका द्वारा करीब 30 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट बनाया जा रहा था, इसमें नगर के बीच मंगलनाथ महादेव मंदिर के सामने से लेकर बादशाही पुल तक पूरी नदी का सौंदर्यीकरण किया जाने का प्रस्ताव था. इसमें नदी के एक ओर महूपुरा रपट तक सडक़ बनाने, नदी के सभी घाट का निर्माण करने, लाइटिंग करने, पार्क बनाने, बैठने के लिए बैंच और टहलने के लिए पाथवे निर्माण सहित अन्य कार्य किए जाने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जा रहा था, लेकिन इस प्रस्ताव की प्रक्रिया ही आगे नहीं बढ़ी.
6 साल पहले 19 करोड़ का प्रस्ताव भेजा था…
करीब 6 वर्ष पहले नदी की पूरी सफाई एवं सौंदर्यीकरण के लिए 19 करोड़ रुपए का प्रस्ताव तैयार करके भोपाल स्वीकृति के लिए भेजा गया था. इस प्रोजेक्ट में मां राजराजेश्वरी मंदिर के पास से बादशाही पुल तक नदी को संवारा जाना तय किया गया. इसके तहत 6 घाट के साथ साइकिलिंग ट्रैक और फूड जोन का निर्माण होना था. शुरुआती दौर में भीमघाट, गरासिया घाट, महादेव घाट और महूपुरा क्षेत्र में नए घाट बनाए जाने का प्रस्ताव इसमें शामिल किया गया था. इसके अतिरिक्त दो घाट अलग से बनाए जाना थे, वहीं नदी में मिल रही गंदगी को दूर करने के लिए नदी के दोनों ओर नाले का निर्माण किया जाना था. इस प्रस्ताव को भोपाल भेजने पर संबंधितों ने इसमें से गंदे पानी की निकासी के लिए नदी के दोनों किनारों पर नाले निर्माण को हटा दिया. सिर्फ घाट निर्माण व सौंदर्यीकरण के लिए ही शासन ने मंजूरी दी थी.
तीन पुल की ऊंचाई बढ़ाने की नहीं मिली स्वीकृति
नगर पालिका द्वारा सिंहस्थ को देखते हुए नगर विकास के लिए भी डिमांड भेजी गई. इसमें महुपुरा रपट और बादशाही पुल की ऊंचाई बढ़ाने एवं दासदल अखाड़े के पुल को लालपत्थर का बनाकर ऊंचाई बढ़ाने और महुपुरा रपट के लगे हुए चीरों गेट को यहां पर लगाने के लिए प्रस्ताव बनाकर दिया गया है. इस प्रस्ताव पर भी अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है. यदि इस पर स्वीकृति मिले और काम हो तो बारिश के समय नदी के कारण निचली बस्तियों में जो जलभराव की समस्या आती है, उससे छुटकारा मिल जाएगा. साथ ही वर्षाकाल में भी महुपुरा पुल से आवागमन बाधित नहीं होगा. इससे चीलर नदी में पानी भी भरा हुआ दिखाई देगा.
अभी से करना होगा काम, तभी आएगा परिणाम
वैसे तो चीलर नदी में दशकों से जमा हो रही गंदगी को साफ करने के लिए लंबा समय चाहिए, लेकिन नगर में नदी सफाई के लिए गर्मी के मौसम के अंत और बारिश के आने के कुछ दिन पहले काम किया जाता है. जिससे नदी की सफाई नहीं हो पाती है. ऐसे में यदि नदी की सफाई के लिए बेहतर ढंग से कार्य किया जाना हैं तो इसके लिए अभी से काम प्रारंभ करना होगा. तभी तो वर्षाकाल के पहले तक नदी की सफाई के लिए कुछ हद तक सफलता मिल सकती है. हालांकि स्वीकृति मिलने के बाद ही ये काम आगे बढ़ सकता है.
इनका कहना है
सीवरेज परियोजना वालों का कहना है कि उन्होंने नगर में 13 हजार कनेक्शन किए हैं. ऐसे में उन्हें बुलवाया गया है. क्योंकि अभी भी काम पूरा नहीं हुआ है. इस दौरान ही उनसे नदी में मिलने वाले नालों को लेकर चर्चा की जाएगी. नदी सौंदर्यीकरण के लिए हमारा सबसे प्रमुख प्रयास नदी के तीनों पुल की ऊंचाई बढ़ाने पर है. हालांकि अभी इस पर स्वीकृति नहीं मिली है. इसकी स्वीकृति मिली तो नदी का आधा सौंदर्यीकरण तो इससे ही हो जाएगा.
– प्रेम जैन, अध्यक्ष, नगर पालिका, शाजापुर